जमुई: मुंगेर तथा लखीसराय जिले के तीन हार्डकोर नक्सलियों ने सोमवार को चोरमारा स्थित सीआरपीएफ कैंप में हथियार के साथ आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वाले तीन नक्सलियों में चोरमारा गांव के बालेश्वर और अर्जुन कोड़ा शामिल हैं। जबकि तीसरा मुंगेर जिला के धरहरा थाना क्षेत्र के जटकुटिया गांव निवासी नागेश्वर कोड़ा है। राज्य सरकार की ओर से नागेश्वर पर 1 लाख और अर्जुन व बालेश्वर पर 50- 50 हजार रुपए का इनाम घोषित था। इन नक्सलियों के आत्मसमर्पण करने से जमुई, लखीसराय तथा मुंगेर प्रशासन ने राहत की सांस ली है। तीनों को पुलिस सुरक्षा में सीआरपीएफ कैंप बरहट में रखा गया तथा उनसे पूछताछ की गई।
जमुई पुलिस लाइन में सोमवार को मीडिया से बात करते हुए सीआरपीएफ के आईजी अमित कुमार, उपमहानिरीक्षक विमल कुमार विष्ट और मुंगेर रेंज के उपमहानिरीक्षक संजय कुमार ने संयुक्त रूप से बताया कि पिछले 6 महीने से नक्सल प्रभावित गांव चोरमारा तथा मुंगेर जिला के पैसराहा में पुलिस कैंप स्थापित होने के बाद लगातार सर्च अभियान जारी था। सर्च अभियान में पुलिस को लगातार सफलता मिल रही थी। सीआरपीएफ के द्वारा नक्सल प्रभावित गांव में सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत जरूरतमंदों के बीच सामान का वितरण भी किया जा रहा था।
बीते 13 अप्रैल को पुलिस उपमहानिरीक्षक एवं जमुई एसपी ने नक्सल प्रभावित गांव चोरमारा, बिचला टोला, जमुनियाटांड, कुमरतरी गांव के सुदूर नक्सल प्रभावित इलाके में रह रहे ग्रामीणों की समस्या के बारे में जानकारी ली। दोनों अधिकारियों ने सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत उनकी समस्या को दूर करने का आश्वासन दिया। इसमें हार्डकोर नक्सली बालेश्वर कोड़ा की पत्नी तथा अर्जुन कोड़ा की पत्नी को एक -एक गाय तथा बछड़ा दिया गया। ताकि वे अपने परिवार का भरण पोषण कर सके। इसके साथ ही अन्य ग्रामीणों को सूअर पालन, मुर्गी पालन एवं अन्य जीविकोपार्जन के लिए प्रशिक्षण दिया गया।
ग्रामीणों को बताया गया सरकार द्वारा कल्याणकारी योजना का लाभ उठा मुख्यधारा में शामिल हों। पुलिस उपमहानिरीक्षक संजय कुमार ने बताया की बीते 6 महीने के दौरान जमुई एवं लखीसराय जिले में पुलिस नक्सली मुठभेड़ में हार्डकोर नक्सली की मौत भी हुई। इसी पुलिसिया दबिश तथा सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत उन्होंने नक्सलियों पर मानसिक दबाव बना मुख्यधारा में शामिल करने का प्रयास किया। इसी प्रयास में सोमवार को तीनों नक्सलियों ने राइफल, गोली, अमोनियम नाइट्रेट सहित कई आपत्तिजनक सामान के साथ आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण के पश्चात पुलिस पदाधिकारियों ने फूल माला व बुके देकर इनका सम्मान किया। साथ ही उन तीनों और उनके परिवारों की हौसला अफजाई की। उन्होंने कहा की पुनर्वास योजना के तहत राज्य सरकार से मिलने वाली सरकारी सहायता इन लोगों को दिलाई जाएगी। प्रेस कांफ्रेंस में जमुई के पुलिस अधीक्षक शौर्य सुमन, एएसपी अभियान ओंकार नाथ सिंह के अलावा सीआरपीएफ के अन्य अधिकारी मौजूद थे।
आत्मसमर्पण कराने में पत्नी की भूमिका रही अहम
पुलिस उपमहानिरीक्षक विमल कुमार बिष्ट ने बताया कि नक्सलियों के आत्मसमर्पण कराने में अर्जुन कोड़ा की पत्नी सरस्वती देवी तथा बालेश्वर कोड़ा की पत्नी मंगरी देवी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इन्हीं के अथक प्रयास के कारण नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। पुलिस पदाधिकारी ने इन महिलाओं को साड़ी एवं अन्य सामग्री देकर सम्मानित किया।
भारतीय संविधान पर विश्वास
आत्मसमर्पण के पश्चात नक्सली नागेश्वर कोड़ा ,अर्जुन कोड़ा तथा बालेश्वर कोड़ा ने बताया कि भारतीय संविधान पर हमें विश्वास है। नक्सलियों के जीवन से आहत हो परिवार के साथ रहने के लिए मुख्यधारा में शामिल हुए। नक्सली नागेश्वर ने कहा जिस तरह हमने भारतीय संविधान को स्वीकार किया उसी तरह जिला प्रशासन हम लोगों को जीने का अधिकार दे। ऐसा ना हो कि आत्मसमर्पण के पश्चात हम लोगों को फांसी पर लटका दिया जाए। वह लोग भी परिवार एवं बच्चों के साथ रूखी सूखी रोटी खा कर अपना जीवन गुजर करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि समाज के भटके हुए लोगों को भी मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रेरित करेंगे।