डेस्क:एग्जिट पोल के नतीजों ने हरियाणा में कांग्रेस को हरी झंडी दे दी है। कांग्रेस आलाकमान के लिए सबसे बड़ा सवाल मुख्यमंत्री पद को लेकर है कि चुनाव जीतने पर किसके सिर पर जीत का सेहरा पहनाया जाए। कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने मुख्यमंत्री पद को लेकर कहा है कि वह हरियाणा के मुख्यमंत्री के पद को लेकर किसी तरह का कोई दावा पेश नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि आखिर मुझे दावा क्यों पेश करना चाहिए? सभी को इस तरह की मानसिकता से दूर रहना चाहिए की पद के लिए लोग दावा करते हैं। एग्जिट पोल के नतीजों पर शैलजा ने कहा कि मुझे विश्वास है कि हरियाणा में कांग्रेस पार्टी 60 सीटों का आंकड़ा पार करेगी। लगभग सात एग्जिट पोल्स ने अनुमान लगाया है कि पार्टी बहुमत के साथ सत्ता में आएगी।
एनडीटीवी के साथ बात करते हुए कुमारी शैलजा ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री पद को लेकर किसी भी प्रकार का कोई दावा नहीं करने वालीं। हालांकि मैं इस रेस में हूं लेकिन इस पद का चुनाव पारंपरिक दावेदारी के माध्यम से नहीं होगा। इस पद के लिए हमारे पास वरिष्ठता का एक स्तर है, जो जमीन पर कड़ी मेहनत करते हैं और पार्टी के लिए प्रतिबद्ध हैं। ऐसे लोगों पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी पार्टी की हर राज्य ईकाइ में समूह होते हैं। इसलिए केवल हरियाणा या हमारी पार्टी के ऊपर सवाल उठाना गलत है। हम सभी ने मिलकर जमीन पर इस चुनाव में कड़ी मेहनत की है।
विधायकों की जगह आलाकमान ले मुख्यमंत्री पद का फैसला
कुमारी शैलजा ने विधायकों के द्वारा मुख्यमंत्री चुनने की प्रक्रिया को गलत बताते हुए कहा कि मैं इसके पक्ष में नहीं हूं। विधायक इसके लिए उत्तरदायी नहीं होने चाहिए। सांसद ने कहा कि अगर विधायकों के ऊपर यह फैसला छोड़ा जाता है तो इससे और अधिक गुटबाजी हो सकती है। इस गुटबाजी से बचने के लिए आलाकमान को ही यह फैसला लेना चाहिए कि जीत के बाद कौन मुख्यमंत्री बनेगा।
मुझे सभी वर्गों का समर्थन प्राप्त- कुमारी शैलजा
कांग्रेस सांसद ने हरियाणा में अपनी स्वीकार्यता को लेकर कहा है कि हरियाणा मुझे एक मौका दे सकता है। मुझे हरियाणा के सभी वर्गों का समर्थन हासिल है, मुझे दलितों का भी समर्थन हासिल है। मुझे लगता है कि हमें एक वर्ग के प्रभुत्व की तरफ नहीं जाना चाहिए, यह उस वर्ग के लिए भी सही नहीं है। वह अलग-थलग पड़ जाता है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि राष्ट्रीय पार्टी को चीजों के प्रति अपना एक राजनीतिक दृष्टिकोण रखना चाहिए, किसी पद पर लोगों को चुनते समय हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि हम जनता को क्या दिखाना चाहते हैं या हम क्या करना चाहते हैं। इसके अलावा आलाकमान के शब्द अंतिम होते हैं वह जो फैसला लेंगे वह हम सभी को मंजूर होगा। दरअसल, हरियाणा कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर दावेदारी पहले ही शुरू हो गई थी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर हुड्डा, रणदीप सुरजेवाला और कुमारी शैलजा मुख्यमंत्री पद को लेकर अपनी इच्छा पहले ही जता चुक हैं।
एग्जिट पोल के नतीजों के अनुसार हरियाणा चुनाव में कांग्रेस को अच्छी बढ़त मिलती हुई दिख रही है। भाजपा को इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ सकता है। मंगलवार 8 अक्टूबर को होने वाली मतगणना के बाद जम्मू-कश्मीर और हरियाणा को अगले पांच साल तक कौनसी पार्टी नेतृत्व देगी इसका फैसला हो जाएगा।