उदयपुर:पट्टे नहीं देने को लेकर डूंगरपुर एमएलए गणेश घोगरा और अधिकारियों के बीच दो दिनों से गहमा-गहमी चल रही है। एक दिन पहले एसडीएम, तहसीलदार समेत अन्य कर्मचारियों को पंचायत भवन में बंद करने के बाद प्रशासन ने कांग्रेस एमएलए व उनके समर्थकों के खिलाफ राजकार्य में बाधा का मामला दर्ज करवाया था। इसके बाद एमएलए गणेश घोगरा ने विधायक पद से इस्तीफे का पत्र मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा व जिलाध्यक्ष को भेज दिया है।
यूथ कांग्रेस अध्यक्ष और एमएलए गणेश घोगरा ने डूंगरपुर सर्किट हाउस में बुधवार शाम को प्रेस कांफ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लोग पट्टे की मांग कर रहे हैं और अधिकारी अपनी मनमर्जी कर रहे हैं। सभी के साइन होने के बावजूद लोगों को पट्टे नहीं दिए जा रहे हैं।
घोगरा ने मुख्यमंत्री को भेजे अपने इस्तीफे में लिखा ‘मैं डूंगरपुर से कांग्रेस का विधायक हूं। परंतु मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि इन पदों पर रहने के बावजूद मेरी बात को अनदेखा किया जा रहा है। मेरे विधानसभा क्षेत्र के अधिकारी मेरी बात को सुनने को तैयार नहीं है। क्षेत्र की जनता के लिए उठाई जाने वाली आवाज को दबाया जा रहा है। इसिलए मैं विधायक पद से इस्तीफा दे रहा हूं।’ हालांकि उन्होंने इस्तीफे की कॉपी विधानसभा अध्यक्ष को नहीं भेजी है।
आपको बता दें कि सदर थाने में एसडीएम संजय सरपोटा ने विधायक गणेश घोगरा, प्रधानपति केवलराम, सरपंच पति राजेंद्र कुमार, गोकुल पाटीदार, प्रकाश पाटीदार, मोहन पाटीदार, मुकेश पाटीदार, खेमजी, हुरजी, दिनेश, गौतम समेत 50-60 लोगों के खिलाफ राजकार्य में बाधा डालने का केस दर्ज किया है।
यह थी घटना :
दरअसल मंगलवार शाम को सुरपुर ग्राम पंचायत में प्रशासन गांवों के संग अभियान के फॉलोअप शिविर में ग्रामीणों को पट्टे नहीं दिए जाने पर विधायक ने अधिकारियों को पंचायत भवन में बंद कर ताला लगा दिया और धरने पर बैठ गए।
इस पर एसडीएम ने आरोप लगाया कि कुछ लोग यहां जबरन गैर कानूनी तरीके से पट्टे देने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि, घोगरा ने कहा था कि जिन पट्टों को देने पर विवाद हुआ, उनके आवेदनों पर पटवारी, गिरदावर, विधायक सभी के साइन हो चुके हैं। इसके बाद भी पट्टे नहीं दिए जा रहे हैं।