न्यूयॉर्क: अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय-अमेरिकी और पेंटागन अधिकारी कश्यप “काश” पटेल को एफबीआई निदेशक पद के लिए नामांकित किया है। श्री पटेल, जो ट्रंप के विश्वासपात्र माने जाते हैं, अमेरिका सरकार के भीतर “डीप स्टेट” को खत्म करने के मुखर समर्थक रहे हैं।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, “काश एक प्रतिभाशाली वकील, जांचकर्ता और ‘अमेरिका फर्स्ट’ विचारधारा के समर्थक हैं, जिन्होंने अपने करियर में भ्रष्टाचार को उजागर करने, न्याय की रक्षा करने और अमेरिकी जनता की सुरक्षा के लिए काम किया है।”
एफबीआई नेतृत्व से असंतोष
श्री ट्रंप ने श्री पटेल की पहली कार्यकाल के दौरान की गई उपलब्धियों की प्रशंसा की और दावा किया कि उन्होंने “रूस होक्स” को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी यह नामांकन मौजूदा एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे के नेतृत्व के प्रति असंतोष को भी दर्शाती है, जिन्हें 2017 में श्री ट्रंप ने ही नियुक्त किया था।
श्री ट्रंप ने खुले तौर पर श्री रे की आलोचना की है, खासकर एफबीआई की उन जांचों को लेकर जो स्वयं ट्रंप से जुड़ी थीं। क्रिस्टोफर रे के कार्यकाल में एफबीआई ने श्री ट्रंप के मार-ए-लागो स्थित घर पर वर्गीकृत दस्तावेजों के संबंध में छापा मारा, जिससे श्री ट्रंप और उनके सहयोगी नाराज हुए।
एफबीआई में सुधार का प्रस्ताव
44 वर्षीय काश पटेल ने एफबीआई में बड़े बदलावों की अपनी इच्छा जाहिर की है। द शॉन रयान शो पर दिए एक साक्षात्कार में श्री पटेल ने एफबीआई के खुफिया संचालन को खत्म करने और मुख्यालय को पुनर्परिभाषित करने का सुझाव दिया।
श्री पटेल ने कहा, “एफबीआई की सबसे बड़ी समस्या इसकी खुफिया शाखा से आई है। मैं इसे अलग कर दूंगा। मैं एफबीआई हूवर बिल्डिंग को पहले दिन बंद कर दूंगा और अगले दिन इसे ‘डीप स्टेट’ का म्यूजियम बनाकर खोलूंगा। और वहां काम करने वाले 7,000 कर्मचारियों को अपराधियों को पकड़ने के लिए पूरे अमेरिका में भेज दूंगा। आप पुलिसकर्मी हैं, पुलिस का काम कीजिए।”
श्री पटेल, श्री ट्रंप द्वारा प्रस्तावित अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी के अधीन काम करेंगे, ताकि एफबीआई को उसके मूल आदर्श—फिडेलिटी, ब्रेवरी और इंटीग्रिटी—पर वापस लाया जा सके।
काश पटेल का सफर
कश्यप पटेल का जन्म न्यूयॉर्क के क्वींस में हुआ था। उनके माता-पिता गुजराती मूल के थे, जो पूर्वी अफ्रीका से अमेरिका प्रवासित हुए थे। कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने फ्लोरिडा में सार्वजनिक रक्षक (पब्लिक डिफेंडर) के रूप में काम किया। इसके बाद उन्होंने न्याय विभाग में एक अभियोजक के रूप में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद मामलों को संभाला।
उनकी योग्यता ने कांग्रेसमैन डेविन नून्स का ध्यान खींचा, जिन्होंने उन्हें आतंकवाद के खिलाफ मामलों पर वरिष्ठ वकील के रूप में भर्ती किया।
ट्रंप प्रशासन में भूमिका
श्री पटेल, ट्रंप के पहले कार्यकाल में हाउस रिपब्लिकन्स की एफबीआई जांच से जुड़े थे और “रूस होक्स” मामले में एफबीआई की कथित पक्षपातपूर्ण जांच को उजागर करने वाले जीओपी मेमो का मसौदा तैयार करने में प्रमुख भूमिका निभाई। इस दस्तावेज़ को न्यूयॉर्क टाइम्स ने “काश मेमो” कहा था।
बाद में, श्री पटेल ने कार्यकारी रक्षा सचिव के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में कार्य किया, जहां उन पर यूक्रेन के लिए एक अनाधिकृत संपर्क के रूप में काम करने का आरोप भी लगा।
श्री ट्रंप के इस निर्णय से एफबीआई और अमेरिकी प्रशासन में बड़े बदलावों की संभावना है।