नई दिल्ली: ट्रैक एवं फील्ड की दिग्गज खिलाड़ी पीटी उषा ने शनिवार को भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) की पहली महिला प्रमुख चुने जाने के बाद कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह एक दिन आइओए अध्यक्ष बनेंगी।
चुनाव के दौरान 58 वर्षीय उषा को आधिकारिक तौर पर शीर्ष पद के लिए चुना गया जिससे भारतीय खेल प्रशासन में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई। उषा ने कहा,’अपने पूरे जीवन में मैंने खेलों के बिना सिर्फ 13 साल गुजारे हैं। अन्यथा मैं एक खिलाड़ी, कोच और प्रशासक के रूप में विभिन्न भूमिकाओं में खेल के साथ जुड़ी रही हूं।
मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं एक दिन आइओए प्रमुख बनूंगी। यह सब मेरे खेल के कारण है।’ उषा ने नौ साल की छोटी उम्र में एथलेटिक्स में कदम रखा जिसके बाद उनका करियर शानदार रहा और उस दौरान उन्होंने कई एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक जीते और 1984 के ओलंपिक में 400 मीटर बाधा दौड़ के फाइनल में चौथा स्थान हासिल किया।
उषा के अध्यक्ष चुने जाने से आइओए में गुटीय राजनीति के कारण पैदा हुआ संकट भी समाप्त हो गया। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आइओसी) ने इस महीने चुनाव नहीं कराने की दशा में आइओए को निलंबित करने की चेतावनी दी थी। आइओए के 95 साल के इतिहास में वह अध्यक्ष बनने वाली पहली ओलंपियन और पहली अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता हैं।
उषा ने 2000 में संन्यास लेने से पहले भारतीय और एशियाई एथलेटिक्स में दो दशक तक अपना दबदबा बनाया था। उषा देश का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली खिलाड़ी हैं। इसके साथ ही वह महाराजा यादवेंद्र सिंह के बाद आइओए प्रमुख बनने वाली पहली खिलाड़ी भी हैं। यादवेंद्र सिंह ने 1934 में एक टेस्ट मैच खेला था।
वह 1938 से 1960 तक आइओए के अध्यक्ष रहे थे। आइओसी की सदस्य नीता अंबानी ने उषा के अध्यक्ष बनने पर खुशी जताते हुए उन्हें बधाई दी और कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि आइओए के कार्यकारी परिषद में कई महिलाएं शामिल हैं।