31 अगस्त से दस दिवसीय गणपति उत्सव का शुभारंभ होगा। घरों और पंडालों में प्रथम पूज्य गणपति की स्थापना के साथ विधिविधान से पूजन-अर्चन किया जायेगा। दस दिन तक आराधना के बाद अनंत चतुर्दशी को गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन होगा। पूजा कमेटियों की ओर से गणेश प्रतिमाओं के पंडाल में ले जाने का सिलसिला सोमवार से शुरू हो गया।
ग्रहों की शुभता से सुख-समृद्धि में होगी वृद्धि
उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक पंडित दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली के अनुसार बुधवार को गणेश चतुर्थी के दिन बुध अपनी उच्च राशि कन्या में गोचर करते हुए शुभता प्रदान करेंगे। बृहस्पति स्वराशि मीन में रहकर बुध पर दृष्टिपात करेंगे। शनि देव एवं सूर्य भी स्वगृही रहकर शुभता में वृद्धि करेंगे।
पंडालों में 10 दिन तक रहेगी गणपति बप्पा की गूंज- कर्नलगंज, बैरहना और आलोपीबाग मूर्ति निर्माण कार्यशाला से लोग गाजे-बाजे के साथ गणेश प्रतिमाओं को स्थापना के लिए ले गए। बुधवार को गणेश प्रतिमाओं की विधिविधान से स्थापना की जाएगी। मलाकराज गणेश पूजन समिति के सनी सोनकर भरद्वाज आश्रम से भगवान गणेश की स्थापना के लिए ले गए। पंडालों में 10 दिन तक गणपति बप्पा की गूंज रहेगी। पूजा कमेटियों की ओर से महोत्सव के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे। महाराष्ट्र सेवा मंडल, बैरहना गणेश पूजा समिति, रिद्धि-सिद्धि समिति बाई का बाग और शहर की कई गणेश पूजा कमेटियों की ओर से पूजा पंडाल स्थापित किए गए हैं।