कोटा:संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) के एक 17 वर्षीय छात्र ने सोमवार को सुबह कोटा के जवाहरनगर में आत्महत्या कर ली। इससे इस साल कोटा में आत्महत्या करने वाले छात्रों की संख्या 12 हो गई है। इनमें से छह घटनाएं दो महीनों मई और जून के दौरान हुई हैं। छात्र महाराष्ट्र के मानभर का रहने वाला था। वह पिछले कुछ महीनों से कोटा के एक संस्थान में जेईई-मेन की कोचिंग कर रहा था। सोमवार की सुबह छात्र के परिजन उससे मिलने शहर पहुंचे थे।
पुलिस ने बताया कि छात्र ने कथित तौर पर अपने छात्रावास के कमरे में फांसी लगा ली। छात्र ने यह कदम तब उठाया जब उसके माता-पिता पास के बाजार में नाश्ता करने गए थे। उसके परिजन उसे ऐसी हालत में पाकर पास के अस्पताल ले गए जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। मालूम हो कि पिछले मई महीने में पांच छात्रों ने कथित तौर पर आत्महत्या की थी। इनमें से चार कुनाडी इलाके में रह रहे थे। सभी NEET की तैयारी कर रहे थे। कोटा में पिछले साल करीब 15 कोचिंग छात्रों ने आत्महत्या की थी।
पुलिस को मृतक छात्र के कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। सूत्रों ने कहा कि कोटा के कोचिंग सेंटरों में करीब 2.25 लाख छात्र मेडिकल या इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारियां कर रहे हैं। बीते दो वर्षों के दौरान इन छात्रों में से करीब 27 ने आत्महत्या की है। सूत्रों के मुताबिक, ये सभी नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) की तैयारी कर रहे थे। कोटा में पिछले साल करीब 15 कोचिंग छात्रों ने आत्महत्या की थी।
कोटा जिला पुलिस अधीक्षक (डीएसपी), अमर सिंह ने कहा- मृतक छात्र के दोस्तों और पड़ोसियों ने उसके व्यवहार में किसी तरह की असामान्यता का उल्लेख नहीं किया है। हमें संदेह है कि आत्महत्या के पीछे अत्यधिक तनाव और दबाव एक वजह हो सकता है जो कोचिंग सेंटर अपने प्रतिस्पर्धी माहौल के जरिए उत्पन्न करते हैं। पुलिस की एक टीम मामले की छानबीन में जुटी है। हमारी जांच टीम कोटा में कोचिंग छात्रों की आत्महत्या की वजहों विश्लेषण करने की कोशिश कर रही है।