भोपाल:मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में एक अन्नदाता गणपत पवार ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली है। मृतक किसान के परिवारों वालों ने बताया कि पीड़ित को बैंक लगातार कर्ज को लेकर परेशान कर रहा था। बैंक अधिकारी बार-बार उसे पैसे जल्द देने को लेकर प्रताड़ित कर रहे थे, जिससे मजबूर होकर उसने यह कदम उठा लिया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नीत सरकार खुद को किसान हितेषी बताती है, लेकिन यहां कर्ज में डूबे किसानों की आत्महत्या रोजाना की बात हो गई। छिंदवाड़ा के मोहखेड़ ब्लॉक में घटा यह मामला किसानों की समस्याओं की बानगी है। स्थानीय पुलिस अधिकारी के मुताबिक यह मामला बुधवार का है, जब सल्फास खाकर गणपत ने खुद की जान दे दी। उनपर लगभग ढाई लाख रुपये का कर्ज था। जिसकी उगाही के लिए उसको परेशान किया जा रहा था। इस क्षेत्र में मानसून अधिक बारिश होने के कारण किसानों की फसल तबाह हो गई थी। जिसके कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है। मृतक किसान के पास कुल 4 एकड़ जमीन थी और वहीं उसके जीवन यापन का एक मात्र जरिया थी।
वहीं मृतक के परिवार वालों ने बताया कि बैंक अधिकारी लगातार कर्ज के लिए प्रताड़ित कर रहे थे। किसान की पत्नी कुश्मीरा ने बताया कि 2 दिन पहले भी बैंक अधिकारी घर आए थे और जमीन हड़पने की धमकी दे रहे थे, जिसे लेकर किसान मानसिक रूप से प्रताड़ित था। कर्ज लौटाने का कोई जरिया होने पर उसने सल्फास पीकर अपनी जान दे दी।
इस घटना की सूचना मिली पर पुलिस ने किसान रामपत को गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी। इस मामले में बैंक अधिकारियों का पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन वह बैंक में ताला लगाकर चले गए। ।
वहीं छिंदवाड़ा एसपी विनायक वर्मा के बताया कि बुधवार को एक किसान की जहर खाने से मौत की सूचना मिली है। परिजनों ने आरोप लगाया है कि लोन वसूली के लिए बैंक द्वारा मानसिक दबाव बनाया गया, जिसके चलते उसने यह कदम उठाया है।