डेस्क। कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी में दरार बढ़ना जारी है। अब खबर है कि पार्टी के एक वरिष्ठ विधायक ने मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र का नेतृत्व मानने से इनकार कर दिया है। उन्होंने साफ कर दिया है कि भविष्य में भी कभी विजयेंद्र की लीडरशिप स्वीकार नहीं करेंगे। साथ ही सामूहिक नेतृत्व की बात कही है। हालांकि, विधायक ने यह भी साफ किया है कि वह येदियुरप्पा के खिलाफ नहीं हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भाजपा विधायक रमेश जरकिहोली ने विजयेंद्र पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने कभी भी उनके नेतृत्व को स्वीकार नहीं किया है और भविष्य में भी नहीं करेंगे। पार्टी तय करेगी कि किसे नेता बनना चाहिए। वह जूनियर है। उन्हें नहीं पता कि पार्टी की विचारधारा क्या है। वह हमारी पार्टी के भ्रष्ट नेता है। हम उनके खिलाफ हैं।’
जरकिहोली का कहना है कि वह येदियुरप्पा के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘हम येदियुरप्पा पर सवाल नहीं उठा रहे हैं। हम येदियुरप्पा से सवाल नहीं करेंगे। हम विजयेंद्र से सवाल करेंगे, क्योंकि वह हमारे नेता नहीं हैं।’ भाजपा विधायक का कहना है कि साल 2018 में पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंतकुमार के निधन के बाद पार्टी में कोई भी बड़े नेता नहीं हैं।
प्लान भी बताया
इस दौरान जरकिहोली ने प्रदेश नेतृत्व का प्लान भी बताया। उन्होंने कहा, ‘भगवान की कृपा से हमारे पास मजबूत टीम है। येदियुरप्पा, रमेश जरकिहोली और (बसनगौड़ा पाटिल) यत्नाल को साथ आने दीजिए। ताकत सिर्फ एक व्यक्ति के पास नहीं होनी चाहिए। नेतृत्व सामूहिक होना चाहिए। अगर एक व्यक्ति नेता बनता है, तो मैं भी दूसरा येदियुरप्पा बन सकता हूं।’
उन्होंने कहा, ‘कोई भी तानाशाह बन सकता है, तो मैं सामूहिक नेतृत्व का अनुरोध करता हूं, जिसमें 15-20 लोग शामिल हों। उन्हें यह हासिल करने का काम सौंपे। अगर हम इन 15 नेताओं को एकसाथ ले आए, तो हम पार्टी के लिए 130-140 सीटें ला सकते हैं।’ खास बात है कि बीते साल यत्नाल ने कर्नाटक में भाजपा के पूर्व शासन पर सवाल उठाए थे। उन्होंने सरकार पर कोविड-19 के दौरान 40 हजार करोड़ के घोटाले में शामिल होने की बात कही थी।