नई दिल्ली: रेलवे कश्मीर घाटी में चलने वाली ट्रेनों में आधुनिक सुविधाएं बढ़ाकर सफर को बेहतर बना रहा है। इस कड़ी में देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ट्रेनों में विस्टाडोम कोच की संख्या बढ़ाने की योजना है। सामान्य यात्री ट्रेनों की श्रेणी के अलावा घाटी में वंदे मेट्रो ट्रेन भी चलाई जाएंगी।
रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) के पूरे सेक्शन पर इस साल यात्री ट्रेनें चलने लगेंगी। बारामुला और संगलदान के बीच फरवरी में पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाई गई है। जबकि मौजूदा सभी सात यात्री ट्रेनों (डेमू) के 53 कोच का नवीनीकरण किया गया है। कोच में नई आधुनिक, आरामेदय और पॉलीकार्बोनेट 280 सीटें लगाई गई हैं। कोच के भीतर साज सज्जा व डिजाइन में बदलाव किया गया है। कोच में बेहतर सफाई व्यवस्था के लिए ड्राई क्लीनिंग व वैक्यूम क्लीनिंग से सफाई का प्रावधान किया गया है।
कश्मीर घाटी के प्राकृति सौंदर्य को देखने के लिए ट्रेनों में विस्टाडोम कोच की संख्या बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा, इस साल कश्मीर घाटी में दो प्रकार की वंदे भारत ट्रेनें चलाने की तैयारी है। इसमें वंदे भारत ट्रेन 16 कोच की होगी जबकि वंदे मेट्रो ट्रेन आठ कोच की होगी। यह पूरा रेल लिंक 272 किलोमीटर लंबा है। इसके प्रमुख रेलवे स्टेशनों के बीच वंदे मेट्रो को लोकल ट्रेन (पैसेंजर ट्रेन) की तरह चलाया जाएगा। जबकि वंदे भारत को मेल-एक्सप्रेस की तर्ज पर जम्मू से लेकर बनिहाल तक (272 किमी) चलाया जाएगा।
श्रीनगर से देश के प्रमुख हिस्सों तक बेहतर रेल कनेक्टिविटी होने पर कश्मीर घाटी में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। देशी-विदेशी पर्यटन बढ़ने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और व्यवसावियों को फायदा होगा। इससे आम जनता के अलावा आपात स्थिति में सैन्य रसद, गोला-बारुद, हथियार आदि रेल के जरिये तेज गति से कश्मीर घाटी व सीम तक पहुंच सकेंगे।