नई दिल्ली:कश्मीर घाटी में टारगेट किलिंग की घटनाएं लगातर बढ़ रही हैं। एक तरफ जहां टारगेट किलिंग की वजह से कश्मीरी पंडितों और प्रवासी लोगों में खौफ पैदा हो गया है, तो वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर है। इसी कड़ी में एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कश्मीर के ऐसे हालात के लिए केंद्र की मोदी सरकार को दोषी ठहराते हुए 1989 की याद दिलाई है। इतना ही नहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस मामले में केंद्र सरकार को घेरा है।
दरअसल, अपने एक ट्वीट में असदुद्दीन ओवैसी ने पलायन के एक वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि मोदी सरकार इतिहास से सबक नहीं ले रही है। सरकार 1989 की तरह ही गलती कर रही है। 1989 में भी राजनीतिक आउटलेट बंद कर दिया गया था, और घाटी के राजनेताओं को बोलने की अनुमति नहीं थी। वे वही गलती कर रहे हैं।
‘1987 के चुनावों का परिणाम 1989 में दिखा’
उन्होंने यह भी कहा कि 1987 के चुनावों में धांधली हुई थी और इसका परिणाम 1989 में देखा गया था। वे कश्मीरी पंडितों को चुनावी मुद्दों के रूप में देखते हैं न कि इंसानों के रूप में। वे स्थानीय राजनेताओं को बोलने नहीं देते। ऐसी चीजें आतंकवाद को रास्ता दे रही हैं। इसकी जिम्मेदारी मोदी सरकार पर है, मैं इसकी निंदा करता हूं।
राहुल बोले- भाजपा ने सिर्फ सत्ता की सीढ़ी बनाया
इसके अलावा कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि बैंक मैनेजर, टीचर और कई मासूम लोग रोज मारे जा रहे हैं, कश्मीरी पंडित पलायन कर रहे हैं। जिनको इनकी सुरक्षा करनी है, उनको फिल्म के प्रमोशन से फुर्सत नहीं है। भाजपा ने कश्मीर को सिर्फ अपनी सत्ता की सीढ़ी बनाया है। कश्मीर में अमन कायम करने के लिए तुरंत कदम उठाइए, प्रधानमंत्री जी।
बता दें कि घाटी में टारगेट किलिंग की घटनाएं लगातर बढ़ रही हैं। कुलगाम में गुरुवार को एक बैंक की शाखा में घुसकर आतंकियों ने मैनेजर विजय कुमार की हत्या कर दी। बीते तीन दिनों में किसी हिंदू की यह दूसरी हत्या थी। इससे पहले मंगलवार को स्कूल टीचर रजनी बाला का मर्डर आतंकियों ने कर दिया था। यही नहीं राहुल भट्ट की हत्या भी आतंकियों ने तहसील परिसर में ही घुसकर की थी। इन घटनाओं ने कश्मीरी पंडितों और प्रवासी लोगों में खौफ पैदा कर दिया है।