नई दिल्ली:जम्मू-कश्मीर में चुनाव की तैयारियों की बीच केंद्र सरकार ने मंगलवार को बड़ा ऐक्शन लिया। जम्मू कश्मीर नेशनल फ्रंट (JKNF) को तत्काल प्रभाव से 5 साल के लिए गैरकानूनी संघ घोषित कर दिया गया। गृह मंत्रालय ने गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत जेकेएनएफ के खिलाफ यह कदम उठाया। मिनिस्ट्री की ओर से इसे लेकर जारी नोटिफिकेशन में कहा गया, ‘नईम अहमद खान की अध्यक्षता वाला जम्मू कश्मीर नेशनल फ्रंट गैन-कानूनी क्रियाकलापों में लिप्त है, जो देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले हैं। JKNF के सदस्य जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए आतंकवादी क्रियाकलापों, भारत विरोधी प्रचार का समर्थन करने और जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों को संभार-तंत्र समर्थन प्रदान करने में शामिल रहे हैं।’
बयान में कहा गया, ‘जेकेएनएफ के नेता और सदस्य कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में विधिविरुद्ध क्रियाकलापों को अंजाम देने के लिए हिंसक प्रदर्शनकारियों को जटाने मं शामिल रहे हैं, जिनमें आतंकवादी क्रियाकलापों का समर्थन करना, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों पर लगातार पथराव करना शामिल हैं। जेकाएनाएफ लगातार कश्मीर के लोगों को निर्वाचन में भाग न लेने के लिए कहता रहा है। इस तरह भारतीय लोकतंत्र के संवैधानिक दुष्टि से मान्यता प्राप्त बुनियादी मूल को निशाना बनाया है। इसमें रुकावट डालने का काम किया है।’
आम चुनाव की तैयारियों को लेकर समीक्षा
वहीं, ईसी ने ने केंद्र शासित प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनावों की तैयारियों की समीक्षा के लिए मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक दलों के साथ 2 दिवसीय परामर्श शुरू किया। इस दौरान राजनीतिक दलों ने आयोग से लोकसभा चुनाव के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का आग्रह किया। भाजपा ने भी लोकसभा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए एक साथ चुनाव कराने पर सहमति जताई है। जम्मू-कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे पर सोमवार को यहां मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार और EC के अन्य अधिकारी पहुंचे। उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP), भारतीय जनता पार्टी (BJP), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के विभिन्न प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत की।