डेस्क:मणिपुर के कांगपोकपी जिले में शुक्रवार शाम को उग्र भीड़ ने पुलिस अधीक्षक (SP) के कार्यालय पर हमला कर दिया। यह हमला सैबोल गांव से केंद्रीय बलों को नहीं हटाए जाने के विरोध में हुआ। घटना में पुलिस अधीक्षक घायल हो गए।
कांग्रेस का केंद्र पर निशाना
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस घटना पर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा,
“प्रधानमंत्री मोदी जी, आपने मणिपुर की आखिरी यात्रा जनवरी 2022 में बीजेपी के लिए वोट मांगने के दौरान की थी। यहां मई 2023 से हिंसा भड़क रही है और अब तक 250 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 60,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं। लोग 20 महीने से शिविरों में जीवन बिता रहे हैं।”
उन्होंने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका खेद जताना राज्य में केंद्र की विफलता को उजागर करता है।
तीन मांगों का किया जिक्र
मल्लिकार्जुन खरगे ने अपनी पोस्ट में मणिपुर की स्थिति को सुधारने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से तीन प्रमुख मांगें की थीं:
- 2024 समाप्त होने से पहले मणिपुर का दौरा करें।
- नई दिल्ली में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाएं।
- राज्य के हालात से सीधे जुड़ें।
उन्होंने आरोप लगाया कि इन तीनों मांगों पर केंद्र सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया।
मई 2023 से जारी जातीय हिंसा
मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच मई 2023 से जातीय हिंसा जारी है। इस हिंसा में 250 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और हजारों लोग बेघर हुए हैं।
सैबोल गांव में लाठीचार्ज के बाद प्रदर्शन
सैबोल गांव में 31 दिसंबर को महिलाओं पर हुए लाठीचार्ज के खिलाफ कुकी समुदाय के संगठन प्रदर्शन कर रहे थे। इसी बीच शुक्रवार को सुरक्षा बलों ने लोइबोल खुनोउ इलाके से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया।
बरामद हथियार और गोला-बारूद
पुलिस ने 7.62 मिमी स्नाइपर राइफल, लंबी दूरी की मोर्टार, 9 मिमी की तीन पिस्तौल, 12 बोर की बंदूक, एसबीबीएल बंदूक, गोला-बारूद, हथगोले, आंसू गैस के ग्रेनेड और वायरलेस सेट बरामद किया।
कांग्रेस ने इस हिंसा के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, “भाजपा वह माचिस है, जिसने मणिपुर को जला दिया।”