संयुक्त राष्ट्र। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) को संबोधित करते हुए विश्व शांति की अपील की है और कहा है कि मानवता की सफलता युद्ध के मैदान में नहीं, बल्कि सामूहिक शक्ति में निहित है। इजराइल-हमास युद्ध और यूक्रेन संकट सहित दुनिया भर में जारी संघर्षों की पृष्ठभूमि में संयुक्त राष्ट्र के ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन’ में प्रधानमंत्री ने यह टिप्पणी की। शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय विश्व के भविष्य पर चर्चा कर रहा है, तो सर्वोच्च प्राथमिकता ‘‘मानव-केंद्रित दृष्टिकोण’’ को दी जानी चाहिए।
उन्होंने किसी विशेष संघर्ष का नाम लिए बिना कहा, ‘‘मानवता की सफलता हमारी सामूहिक शक्ति में निहित है, युद्ध के मैदान में नहीं।’’ प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि टिकाऊ विकास को प्राथमिकता देते हुए मानव कल्याण, खाद्य और स्वास्थ्य सुरक्षा भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने साइबर, समुद्र, अंतरिक्ष जैसे नए क्षेत्रों में संघर्ष और आतंकवाद का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में उठाते हुए कहा कि इन मुद्दों पर वैश्विक कार्रवाई वैश्विक महत्वाकांक्षा के अनुरूप होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालकर हमने यह प्रदर्शित किया है कि टिकाऊ विकास सफल हो सकता है।’’ प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत अपनी सफलता के इस अनुभव को पूरे ‘ग्लोबल साउथ’ के साथ साझा करने के लिए तैयार है।
आमतौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों या विकासशील देशों को संदर्भित करने के लिए ‘ग्लोबल साउथ’ शब्द का इस्तेमाल होता है। PM मोदी ने वैश्विक संस्थाओं में सुधार का आह्वान करते हुए कहा कि ये वैश्विक शांति और विकास के लिए आवश्यक हैं। बता दें कि इस वक्त तीन मोर्चों पर बड़े पैमाने पर युद्ध छिड़ा हुआ है। वैसे दुनियाभर के कई देशों के बीच द्विपक्षीय संघर्ष छिड़ा हुआ है लेकिन सबसे अहम फिलहाल इजरायल-हमास युद्ध और यूक्रेन-रूस युद्ध है। अब इसमें इजरायल-लेबनान युद्ध भी जुड़ गया है। इससे मिडिल ईस्ट में फिर से संकट गहरा गया है और वैश्विक शांति संकट में पड़ गई है।