डेस्क:मारुति सुजुकी ने सोमवार को बताया कि उसने भारत में अब तक अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट से विदेशी बाजारों में 30 लाख से ज्यादा यूनिट्स की शिपमेंट की है। 30 लाखवीं कार यूनिट वाला बैच 1,053 कारों के एक काफिले का हिस्सा था, जिसमें सेलेरियो, फ्रोंक्स, बलेनो, सियाज, डिजायर और एस-प्रेसो जैसे मॉडल शामिल थे। कंपनी भारत में सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल निर्यातक है। आइए जरा विस्तार से इसकी डिटेल्स जानते हैं।
मारुति सुजुकी ने 1986 में देश से अपने कार मॉडल का निर्यात शुरू किया था, जिसमें 500 यूनिट का पहला काफिला हंगरी भेजा गया था। निर्यात में पहला 10 लाख का माइलस्टोन कंपनी ने वित्त वर्ष 2012-13 में हासिल किया था। वहीं, अगले 10 लाख यूनिट्स का निर्यात कंपनी ने वित्त वर्ष 2020-21 में हासिल किया। निर्यात में सबसे हालिया 10 लाख यूनिट का आंकड़ा 3 साल और 9 महीने की अवधि में हासिल किया गया, जो कंपनी के लिए सबसे तेज बिक्री को दर्शाता है।
मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के एमडी और सीईओ हिसाशी ताकेउची ने कहा कि हम भारत सरकार को प्रोत्साहित करने वाली पॉलिसी लाने और कुछ बाजारों के साथ व्यापार समझौतों को सक्षम करने के लिए धन्यवाद देते हैं, जो निर्यात वृद्धि को बढ़ाते हैं।
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता मारुति सुजुकी सबसे बड़ी वाहन निर्यातक भी है। वर्तमान में अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका और पश्चिम एशिया के बाजारों में शिपमेंट करती है। खास रूप से दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब और चिली जैसे देश जहां मॉडल सुजुकी बैज के तहत बेचे जाते हैं।
2030-31 तक वाहन निर्यात
ताकेउची ने कहा कि कंपनी की कुछ नई पेशकशों जैसे ग्रैंड विटारा और जिम्नी ने भी निर्यात सूची में शामिल किया है। दिलचस्प बात यह है कि कंपनी ने हाल ही में फ्रोंक्स क्रॉसओवर एसयूवी को सुजुकी के होम बेस जापान को भी भेजना शुरू किया है। भारत से हमारा निर्यात चार साल पहले की तुलना में तीन गुना बढ़ गया है। इस ग्लोबल डिमांड से प्रेरित होकर मारुति सुजुकी 2030-31 तक वाहन निर्यात को 7.5 लाख यूनिट तक डायवर्सिटी और बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्पित है।