नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार को अलग-अलग वकीलों द्वारा एक ही मामले का बार-बार उल्लेख करने पर असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कड़े लहजे में कहा कि “बतौर मुख्य न्यायाधीश मेरे पास जो भी थोड़ा बहुत विवेकाधिकार है, उसका इस्तेमाल कभी भी आपके पक्ष में नहीं किया जाएगा।।” दरअसल CJI चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने दिन की सुनवाई शुरू की, तो एक वकील ने खनन पट्टे की समाप्ति का मामला उठाया।
इस पर CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि यह मामला पहले भी पीठ के सामने लाया गया था। उन्होंने साफ कहा कि अदालत में बार-बार एक ही मामले का जिक्र कर अनुकूल आदेश पाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “इस प्रथा को बंद करें कि अलग-अलग वकील बार-बार एक ही मामले का उल्लेख कर रहे हैं। आप सब सिर्फ मौका पाने की कोशिश कर रहे हैं। मेरे पास जो थोड़ा सा विवेकाधिकार है, वह आपके पक्ष में कभी नहीं होगा, क्योंकि इस अदालत को गुमराह करने का प्रयास हो रहा है।”
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश ने अपनी साख पर जोर देते हुए कहा कि अगर अदालत में लगातार एक जैसे मामले लाए जाते हैं और न्यायाधीश को भ्रमित कर आदेश प्राप्त करने की कोशिश की जाती है, तो यह अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा, “मुख्य न्यायाधीश के रूप में मेरे पास जो थोड़ा बहुत विवेक है, उसका इस्तेमाल कभी भी आपके पक्ष में नहीं किया जाएगा, क्योंकि इस अदालत को धोखा देने की कोशिश की जा रही है। तीन अलग-अलग वकील बुलाओ.. जज पलक झपकाते हैं और आदेश ले लेते हैं.. यही इस अदालत में हो रहा है और मैं ऐसा नहीं करूंगा। क्योंकि मेरी व्यक्तिगत साख दांव पर लगी है, ऐसा कहा जाता है कि मैं लिस्टिंग में निरंतरता का पालन नहीं करता।”
इसके अलावा, सोमवार को मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने एक वकील को तगड़ी फटकार लगाई, जब वकील ने अपनी दलीलों के दौरान बार-बार ‘Yeah’ शब्द का इस्तेमाल किया। CJI ने कड़े शब्दों में कहा कि वह इस शब्द के इस्तेमाल के प्रति संवेदनशील हैं और यह अदालत है, कोई कॉफी शॉप नहीं। CJI ने कहा, “बार-बार ‘Yeah Yeah Yeah’ मत कहो। ‘Yes’ कहो। यह कोई कॉफी शॉप नहीं है, यह अदालत है। मैं ‘Yeah’ शब्द के प्रति थोड़ा संवेदनशील हूं और इसे अनुमति नहीं दी जा सकती।”