डेस्क:उद्धव ठाकरे की शिवसेना और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव साथ-साथ लड़ सकती है। एआईएमआईएम की तरफ से इसके लिए एक लिखित प्रस्ताव भी दिया जा चुका है। अगर सबकुछ ठीक रहा हो ओवैसी महाविकास अघाड़ी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। सूत्रों से पता चला है कि इस प्रस्ताव में 28 सीटों की मांग की गई है। आने वाले समय में यह साफ हो जाएगा कि एमआईएम को गठबंधन में शामिल दलों का समर्थन मिलेगा या नहीं।
इस बीच एमआईएम के प्रस्ताव पर ठाकरे ग्रुप ने अपना रुख साफ करने की कोशिश की गई है। संजय राउत ने कहा है कि नई पार्टी को जगह देना मुश्किल है। वह जल्द ही शरद पवार से चर्चा करेंगे।
एमआईएम के प्रस्ताव पर संजय राउत ने कहा कि महाविकास अघाड़ी में बहुत सारी छोटी पार्टियां हैं। तीन प्रमुख पार्टियां कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना हैं। सीपीआई, शेतकारी कामगार पार्टी, मुस्लिम समुदाय का नेतृत्व करने वाली समाजवादी पार्टी, रिपब्लिकन पार्टी के कुछ संगठन हमारे साथ हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में हमें महाविकास अघाड़ी की 288 सीटों में से किसी नई पार्टी को सीटें देना मुश्किल लगता है। उन्होंने आगे कहा कि अगर शरद पवार इस संबंध में कोई रुख अपनाते हैं तो हम उनसे चर्चा करेंगे।
इस बीच एनसीपी की तरफ से शरद पवार ने भी इस मुद्दे पर बयान दिया है। शरद पवार ने एमआईएम के प्रस्ताव पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि मैं इसमें शामलि नहीं हूं। एमआईएम के प्रस्ताव के बारे में मुझे जानकारी नहीं है। मेरी पार्टी के लिए यह काम जयंत पाटिल देख रहे हैं। उन्हें क्या प्रस्ताव दिया गया, इसकी मुझे जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि एमवीए में शामलि घटक दल सीट शेयरिंग पर चर्चा कर रहे हैं।
क्या है एमआईएम का प्रस्ताव?
एमआईएम ने महाविकास अघाड़ी में शामिल होने का लिखित प्रस्ताव दिया है। 28 सीटों की सूची सौंपी गई है। 10 सितंबर को यह प्रस्ताव रखने के बाद एमआईएम के प्रदेश प्रमुख इम्तियाज जलील की महाविकास अघाड़ी के नेताओं के साथ 2 सकारात्मक बैठकें होने की खबर है। एमआईएम ने यह लिखित प्रस्ताव उद्धव ठाकरे को छोड़कर कांग्रेस-एनसी प्रमुखों को भेजा है। एमआईएम ने उन सीटों की सूची तैयार की है जहां मुस्लिम और दलित निर्वाचन क्षेत्र अधिक हैं। जलील ने कहा है कि एमआईएम उन सीटों पर एमवीए से चर्चा और समझौता करने को तैयार है।