सावन मास के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक नाग पंचमी मंगलवार दो अगस्त को मनाई जाएगी। नागपंचमी के त्योहार को लेकर सभी शिवालय सज कर तैयार हैं। नागपंचमी पर महादेव के साथ-साथ वासुकी नाग की पूजा होगी। नाग देवता को दूध और धान का लावा अर्पित किया जाता है। नाग पंचमी में विशेषकर कालसर्प दोष दूर करने के लिए लोग सावन में नाग देवता की पूजा करते हैं इसको लेकर शहर के कई मंदिरों में रुद्राभिषेक का भी आयोजन किया जाएगा।
पूजा के लिए ढ़ाई घंटे का शुभ मुहुर्त : खडेश्वरी मंदिर के पुजारी राकेश पांडे बताते हैं कि नागपंचमी सावन मास शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है इस वर्ष यह पंचमी तिथि दो अगस्त प्रात: 05: 14 मिनट से प्रवेश कर रहा है जो अगले दिन तीन अगस्त को सुबह 6:05 से लेकर 8: 41 मिनट तक रहेगा। वासुकी नाग महादेव की गले की शोभा बढ़ाता है। यही वजह है की महादेव के साथ-साथ नाग देवता वासुकी की भी पूजा की जाती है । नाग पंचमी को लेकर कई पौराणिक कथाएं भी प्रचलित है।