जबलपुर:मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सिवनी जिले के केवलारी में अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे निजी भूमि पर मस्जिद के निर्माण से संबंधित लंबित शिकायतों और आपत्तियों पर दो महीने के भीतर फैसला करें।
मस्जिद के निर्माण पर इस साल 23 मार्च को केवलारी के सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) ने रोक लगा दी थी और स्थानीय औलिया अहल-ए-सुन्नत समिति के अध्यक्ष फिरोज खान ने इसे चुनौती दी थी।
समिति ने अपनी याचिका में कहा कि एसडीएम को इस पर सुनवाई करनी चाहिए क्योंकि वह निर्माण के खिलाफ शिकायतों पर आपत्ति दर्ज कराना चाहती है।
याचिकाकर्ता के वकील अमानउल्ला उस्मानी ने कहा कि मेरा मुवक्किल निजी भूमि पर एक मस्जिद का निर्माण कर रहा है, जिसके लिए जिलाधिकारी द्वारा भू अधिकार पत्र जारी किया गया है। कुछ लोगों ने निर्माण को रोकने के लिए विभिन्न आधारों पर शिकायतें की हैं।
उस्मानी ने कहा कि मध्य प्रदेश सर्वजनिक धार्मिक भवन तथा स्थान विनियमन अधिनियम 1984 की धारा 7 (2) के अनुसार केवल जिलाधिकारी को नियमों का उल्लंघन होने पर मस्जिद के निर्माण को रोकने का आदेश देने का अधिकार है।
हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल की सिंगल जज बेंच ने याचिका का निराकरण करते हुए एसडीएम को निर्देशित किया कि लंबित प्रकरणों में याचिकाकर्ता को सुनवाई का अवसर प्रदान करें और दो महीने के भीतर लंबित आवेदन पर निर्णय लें। 22 जून को पारित आदेश में यह भी कहा गया है कि अदालत मामले के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त नहीं कर रही है।