रांची:झारखंड में मचे सियासी घमासान के बीच अब महागठबंधन के विधायकों को राज्य से बाहर भेजने की तैयारी है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि राज्य में अब सरकार पर संकट है और जल्द ही यह सरकार गिर सकती है। यह भी आशंका जताई जा रही है कि अब राज्य में विधायकों को तोड़ने की कोशिश की जा सकती है। माना जा रहा है कि इसी को देखते हुए और अपने विधायकों को टूटने से बचाने के लिए महागठंबधन के कई विधायकों को तेलंगाना भेजने की तैयारी की जा रही है। यह भी जानकारी सामने आ रही है कि इन विधायकों को तेलंगाना के एक रिजॉर्ट में रखा जाएगा।बताया जा रहा है कि इस बीच महागठबंधन के पांच विधायक रांची में ही रहेंगे और यहां रहकर वो मौजूदा सियासी हलचल पर नजर रखेंगे। इनमें चंपई सोरेन, आलमगीर आलम, सत्यानंद भोक्ता समेत दो अन्य विधायक शामिल हैं।
तेलंगाना जा रहे महागठबंधन के विधायक फ्लोर टेस्ट के समय ही रांची लौटेंगे। इस बीच भाजपा नेता निशिकांत दुबे ने कहा है कि सरकार के पास 18 विधायक कम हैं। झारखंड में चंपई सोरेन ने 43 विधायकों वाला एक समर्थन पत्र सौंप कर सरकार बनाने का दावा पेश किया है। राज्य के मौजूदा हालात को देखते हुए बीजेपी भी सक्रिय है। अपने विधायकों को टूटने से बचाने के लिए JMM और INDIA गठबंधन के अन्य दल भी काफी चौकन्ने नजर आ रहे हैं। सूबे की सियासत में रिजॉर्ट पॉलिटिक्स की एंट्री के साथ ही अब यहां सियासी माहौल काफी दिलचस्प हो चुका है। बीजेपी के भी कई दिग्गज नेता रांची में डटे हुए हैं और भाजपा में भी बैठकों का दौर चल रहा है।
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद से झारखंड की राजनीति में उलटफेर की संभावनाएं जताई जा रही थीं। कहा जा रहा है कि सरकार को बचाने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) अपने और अपने सहयोगी दलों के विधायकों को टूटने से बचाने की कोशिश में जुटा है। करीब 35 विधायकों को प्लेन से रांची से हैदराबाद शिफ्ट करने की तैयारी है। एयरपोर्ट पर यह प्लेन तैयार है। माना जा रहा है कि अगर आज राज्यपाल की तरफ से सरकार बनाने का निमंत्रण नहीं मिला तो आज ही इन विधायकों को हैदराबाद भेज दिया जाएगा। विधायकों की एकजुटता बनी रहे और हॉर्स-ट्रेडिंग की स्थिति ना बने इसलिए ही इन विधायकों को हैदराबाद ले जाने की तैयारी है। जेएमएम की तरफ से कहा गया है कि अगर राज्यपाल ने मिलने का समय दिया तो नई सरकार का शपथ ग्रहण होगा।
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से पहले कल्पना सोरेन को झारखंड की नई सीएम बनाने की अटकलें लगाई जा रही थीं। हालांकि, बाद में हेमंत सोरेन के भरोसेमंद कहे जाने वाले विधायक चंपई सोरेन का नाम सीएम पद के लिए आगे किया गया था। इससे पहले भी भाजपा नेता निशिकांत दुबे ने दावा किया था कि कल्पना सोरेन को सीएम बनाने की बात पर हेमंत सोरेन के घर में ही विद्रोह हैं। उनका दावा ता कि 29 में से 18 विधायक कल्पना सोरेन को सीएम बनाने के समर्थन में नहीं हैं।