कोलकाता:नरेंद्र मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। सरकार की घोषणा पर विपक्षी दलों ने अभी से अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। सबसे पहले पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने सीएए को लेकर मोदी सरकार के नोटिफिकेशन को लेकर बयान दिया है। ममता ने कहा कि पहले मुझे नियम देखने दीजिए। अगर लोगों के लिए यह नियम उनके अधिकारों का हनन करेगा तो हम लड़ेंगे।
सोमवार शाम को एक प्रेसवार्ता के दौरान पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी से पूछा गया कि सरकार सीएए लागू कर रही है, इस पर ममता बनर्जी ने कहा कि “पहले मुझे नियमों को देखने दीजिए। अधिसूचना अभी तक जारी नहीं की गई है। अगर लोगों को नियमों के तहत उनके अधिकारों से वंचित किया जाता है, तो हम इसके खिलाफ लड़ेंगे।” यह चुनाव के लिए बीजेपी का प्रचार है और कुछ नहीं है।”
मेरे जीवित रहते बंगाल में लागू नहीं होने दूंगी CAA
सीएए को लेकर इसी साल जनवरी महीने में भी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव से पहले सीएए का मुद्दा उठाने के लिए भाजपा की आलोचना की थी। कहा कि वह जीवित रहते राज्य में कभी भी इसे लागू नहीं होने देंगी।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
सीएए को लेकर कांग्रेस की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि मोदी सरकार जानबूझकर चुनाव से पहले सीएए लेकर आई है। उन्होंने ट्वीट किया, “दिसंबर 2019 में संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को अधिसूचित करने में मोदी सरकार को चार साल और तीन महीने लग गए। प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि उनकी सरकार बिल्कुल प्रोफेशनल ढंग से और समयबद्ध तरीक़े से काम करती है। सीएए के नियमों को अधिसूचित करने में लिया गया इतना समय प्रधानमंत्री के सफ़ेद झूठ की एक और झलक है।”
उन्होंने आगे लिखा, “नियमों की अधिसूचना के लिए नौ बार एक्सटेंशन मांगने के बाद घोषणा करने के लिए जानबूझकर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले का समय चुना गया है। ऐसा स्पष्ट रूप से चुनाव को ध्रुवीकृत करने के लिए किया गया है, विशेष रूप से असम और बंगाल में। यह इलेक्टोरल बांड घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार और सख़्ती के बाद हेडलाइन को मैनेज करने का प्रयास भी प्रतीत होता है।”