जयपुर:राजस्थान में राजस्थान में कल 1 अक्टूबर को सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक पेट्रोल पंप बंद रहेंगे। मांगे नहीं माने जाने की सूरत में 2 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल रहेगी। पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह भाटी ने कहा कि सरकार ने 10 दिन का समय दिया था, लेकिन इससे ज्यादा बीतने के बावजूद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ है। बता दें वैट कम करने की मांग को लेकर पेट्रोलियम डीलर्स आंदोलन पर है। हालांकि, कुछ जिलों में डीलर्स में एकता नहीं दिख रही है। बावजूद इसके कल प्रदेश के अधिकांश पेट्रोल पंप बंद रहेंगे।
वैट रेट के कारण बंद हो चुके हैं 270 पंप
सरकार ने एक एम्पावर्ड कमेटी का गठन किया था। जिसे 10 दिन में रिपोर्ट सौंपनी थी। लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ है। एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह भाटी ने बताया- जब सरकार 500 रुपए में गैस सिलेंडर के लिए केन्द्र सरकार पर निर्भर नहीं है। फिर पेट्रोल और डीजल के लिए केन्द्र सरकार पर निर्भर क्यों हो रही है। क्या पेट्रोल- डीजल आम आदमी की आवश्यकता नहीं है। वर्तमान में पेट्रोल और डीजल की वैट की दर के कारण 270 पेट्रोल पंप बंद हो चुके हैं। 50 किलोलीटर से 100 किलोलीटर के बीच रोज बिक्री करने वाले 2000 पंप बंद होने के कगार पर हैं।
2 अक्टूबर को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे
राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह भाटी ने कहा है कि पेट्रोल और डीजल पर बढ़ते हुए वैट पर सरकार ने 10 दिन में समाधान करने के लिए कहा था। 14 दिन बाद भी समाधान नहीं निकला है। इससे परेशान होकर 1 अक्टूबर को सुबह 6 से शाम 6 बजे तक सांकेतिक हड़ताल करेंगे। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो 2 अक्टूबर को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।
वैट की दरें कम करने की मांग
दरअसल, एसोसिएशन की ओर से वैट कम करने समेत अन्य मांगें की जा रही हैं। इसके लिए 13 और 14 सितंबर को दो दिन की सांकेतिक हड़ताल की गई थी, लेकिन सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आने के बाद 15 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की गई। 15 सितंबर को ही सरकार से बातचीत के दौरान मिले आश्वासन के बाद इस हड़ताल को स्थगित कर दिया गया था। राजेंद्र सिंह भाटी के मुताबिक हमारे साथ 15 सितंबर को सचिवालय में राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। इसमें हमारी पेट्रोल और डीजल पर बढ़े हुए वैट समेत कई मांगों पर 10 दिनों में समाधान की बात कही गई थी। बातचीत के 13 दिन बाद भी किसी भी समस्या का समाधान नहीं निकाला गया। सरकार के रवैये से परेशान होकर एसोसिएशन एक बार फिर से हड़ताल पर जाने को मजबूर है।