पटना:प्रशांत किशोर ने 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत में अहम भूमिका निभाई। हालांकि इसके बाद दोनों के रिश्तों में खटास आने लगी। अब पार्टी की तरफ से उनपर लगातार हमले हो रहे हैं। इसी कड़ी में बिहार के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने प्रशांत किशोर द्वारा बिहार में 30 सालों के दौरान विकास कार्य नहीं होने के आरोप पर पलटवार किया है। शुक्रवार को मीडिया के सवाल पर उन्होंने कहा कि 90 के दशक में जो कांग्रेस के नेता थे, उनमें एक तबका समाज सेवा के लिए राजनीति में आया। कुछ लोग बूथ लूटने के कारण आए। फिर जो बूथ लुटेरे व गुंडे थे उन्होंने सोचा कि हम इनके लिए क्यों लूटें, खुद ही क्यों नहीं सांसद-विधायक बनें।
90 के दशक में लालू राज में किसी तबके का गुंडा-मवाली जो राजनीति में आया सांसद-विधायक बनने लगा। 2000 के दशक में एक और तबका आया जो कहता तो था कि समाजसेवा के लिए आए हैं लेकिन जातीय बैठकें कर नेता बन उनको बेचने लगा। प्रशांत किशोर के राजनीति में उतरने को लेकर डा. जायसवाल ने कहा कि यह एक नया बिजनस शुरू हुआ है। नया प्रयोग है। पहली बार राजनीतिक धंधेबाज राजनीति करने आया है। राजनीतिक धंधेबाज हैं तो वे जानते हैं कि राजनीति लंबी कैसे करनी है।
पीके के पास न नीति है और न नीयत है : प्रेमरंजन
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल ने पीके के बयान पर कहा कि एक लंबे कालखंड के बाद एनडीए की सरकार में विकास का रास्ता बिहार में खुला। मानता हूं कि बिहार का विकास कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है, लेकिन जो भी विकास हुआ है वह कम नहीं है। बिहार की जो स्थिति थी उस स्थिति से उबारना बड़ी चुनौती थी। बिहार की जनता ने भी मानती है कि बिहार में विकास हुआ है। इसे एनडीए की सरकार ही आगे बढ़ा सकती है दूसरा कोई नहीं। कहा कि प्रशांत किशोर के पास न नीति है और न ही नीयत है।