पूर्वज भी अपने वंशजों से सम्मान चाहते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब किसी प्रिय की मौत होती है तो वह पितृदेव का रूप धारण कर लेते हैं और अपने वंशजों की रक्षा करते हैं। लेकिन वंशज उनकी पूजा न करें या तिरस्कार करें तो वह नाराज हो जाते हैं। अशुभ फलों की प्राप्ति होती है। ऐसे में हम आपको कुछ ऐसे संकेतों के बारे में बता रहे हैं जो पितृ के नाराज होने का संकेत देते हैं।
1. काम में बाधा आना- मान्यता है कि अगर आपके कार्यों में बाधाएं आ रही हैं और कोई भी काम सफल नहीं हो रहा है तो इसे पितरों के नाराज होने या पितृदोष का लक्षण माना जाता है।
2. गृहकलह रहना- शास्त्रों के अनुसार, घर में अक्सर लड़ाई-झगड़ा होना, पितृ दोष का कारण माना जाता है।
3. संतान सुख में बाधा- मान्यता है कि पितृ नाराज रहते हैं तो संतान सुख में बाधा आती है। अगर संतान हुई है तो वह आपकी विरोधी रहेगी। आपको कष्टों का सामना करना पड़ेगा।
4. विवाह में बाधा- मान्यता है कि पितरों के नाराज रहने के कारण घर की किसी संतान का विवाह नहीं होता है। अगर हो भी जाए तो वैवाहिक जीवन में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
5. आकस्मिक नुकसान- मान्यता है कि पितृ नाराज रहते हैं तो जीवन में आकस्मिक नुकसान का सामना करना पड़ता है। जातक को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।
पितृदोष से निजात पाने के उपाय-
पिंडदान करना चाहिए। गो-दान करें। पितरों की शांति के लिए अनुष्ठान करना चाहिए। कौवों को भोजन देना चाहिए।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।