नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ को संबोधित करने के लिए 21 सितंबर से अमेरिका का तीन दिवसीय दौरा करेंगे। इस दौरान उनके बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस से मुलाकात की संभावना नहीं है। मामले से जुड़े लोगों ने बुधवार को यह जानकारी दी। इससे पहले बांग्लादेश की ओर से महासभा के दौरान दोनों नेताओं के बीच एक बैठक के लिए औपचारिक अनुरोध किया गया था। बांग्लादेश को उम्मीद थी कि इस बैठक से शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से उभरे कुछ मुद्दों को संबोधित किया जा सकता है।
हालांकि, सूत्रों का कहना है कि यह बैठक भारत की ओर से तय कार्यक्रम में शामिल नहीं है। इसके अलावा, पीएम मोदी का अमेरिका यात्रा के दौरान पहले से ही काफी बिजी शेड्यूल है। पीएम मोदी के कार्यक्रम में 21 सितंबर को डेलावेयर के विलमिंग्टन में क्वाड नेताओं का शिखर सम्मेलन और 23 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ को संबोधित करना शामिल है।
इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा, “प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान कुछ द्विपक्षीय मुलाकातें करेंगे, लेकिन बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के साथ बैठक का कोई कार्यक्रम नहीं है।” सूत्रों के अनुसार, बैठक न होने के पीछे सिर्फ समय की ही समस्या नहीं है। बल्कि यूनुस द्वारा हाल ही में भारत-बांग्लादेश संबंधों पर दिए गए बयान और ढाका में अंतरिम सरकार के सदस्यों द्वारा भारत पर की गई टिप्पणियों ने भी नकारात्मक माहौल को जन्म दिया है।
यूनुस ने अपने एक इंटरव्यू में शेख हसीना की आलोचना की थी और संकेत दिया था कि बांग्लादेश उनके प्रत्यर्पण की मांग कर सकता है। उन्होंने कहा कि भारत को यह समझने की आवश्यकता है कि शेख हसीना की अवामी लीग के अलावा अन्य सभी राजनीतिक पार्टियां इस्लामवादी नहीं हैं। इसके अलावा, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सदस्य, विशेष रूप से विदेश मंत्री तौहीद हुसैन, ने भी शेख हसीना के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठाया है। हसीना 5 अगस्त को इस्तीफा देने के बाद भारत आ गईं थीं। हुसैन ने यह भी माना कि यह मुद्दा भारतीय सरकार के लिए एक ‘असहज स्थिति’ पैदा कर सकता है।
इस बीच, भारत सरकार ने कहा है कि शेख हसीना को शॉर्ट नोटिस पर भारत आने की अनुमति दी गई थी। हसीना फिलहाल भारत में एक अज्ञात सुरक्षित स्थान पर हैं और उनसे संपर्क लगभग नामुमकिन है। इसी बीच, सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्र्रंप के बीच भी कोई बैठक तय नहीं है, लेकिन न्यूयॉर्क में दोनों नेताओं के बीच संयोगवश मुलाकात की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
ट्रंप ने मंगलवार को मिशिगन के फ्लिंट में एक कैंपेन प्रोग्राम में कहा था कि वह अगले हफ्ते मोदी से मिलेंगे, लेकिन उन्होंने इस मुलाकात के स्थान की जानकारी नहीं दी। ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत अमेरिका-भारत व्यापार संबंधों का “बहुत बड़ा दुरुपयोग” कर रहा है। बता दें कि हाल के महीनों में अमेरिका का दौरा करने वाले कुछ अन्य विश्व नेताओं ने भी ट्रंप से मुलाकात की है।