उदयपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुर्जर समाज के धार्मिक स्थल भीलवाड़ा जिले के मालासेरी स्थित भगवान तेजनारायण मंदिर की 28 जनवरी को यात्रा करेंगे। इस प्रस्तावित यात्रा को पार्टी नेता भले ही पूरी तरह धार्मिक बता रहे हैं, लेकिन राजनीतिक पंड़ितों का मानना है कि यह यात्रा राजनीतिक महत्व रखती है।
जिस तरह प्रधानमंत्री ने पिछले महीनों आदिवासियों के तीर्थ मानगढ़ धाम की यात्रा कर आदिवासी मतदाताओं को भाजपा से जोड़ने की कोशिश की, उसी तरह मालासेरी की यह यात्रा राजस्थान के गुर्जर मतदाताओं को पार्टी से जोड़ने की है। अभी तक गुर्जर समुदाय राजस्थान में कांग्रेस के पक्ष में रहा लेकिन कांग्रेस नेता सचिन पायलट की उपेक्षा का लाभ भाजपा उठाना चाह रही है।
गुर्जर समाज के एक लाख लोगों को न्यौता
इस साल के अंत में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सत्तारूढ़ कांग्रेस तथा विपक्ष में बैठी भाजपा दोनों अभी से चुनाव की तैयारियों में जुट चुकी है। भाजपा उन सभी समाज और समुदायों में पैठ बढ़ाना चाहती है, जिसने अभी तक उनसे दूरी बनाए रखी है। जिसमें राजस्थान का गुर्जर मतदाता भी है। इसके लिए प्रदेश भाजपा संगठन ने गुर्जरों को साधने के लिए भीलवाड़ा जिले के मालासेरी स्थित गुर्जर समुदाय के सबसे बड़े तीर्थ भगवान तेजनारायण मंदिर में प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का कार्यक्रम बनाया। जहां भगवान देवनारायण की जयंती पर एक बड़ी सभा होनी है।
भले ही भाजपा इसे धार्मिक यात्रा बता रही है लेकिन राजनीतिक पंड़ितों का कहना है कि यह प्रदेश के गुर्जर समाज को साधने का एक बड़ा कार्यक्रम है, जहां प्रदेश भर के गुर्जर समाज के लोग पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री की सभा में भाग लेने के लिए गुर्जर समाज के एक लाख लोगों को मालासेरी की मिट्टी भेजकर न्यौता दिया गया है।
राजस्थान में कांग्रेस से 9 गुर्जर विधायक, जबकि भाजपा का एक भी नहीं
प्रदेश में गुर्जर समाज में कौनसी पार्टी ज्यादा पैठ रखती है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विधानसभा में किस पार्टी में गुर्जर विधायक है। साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से 9 विधायक निर्वाचित होकर विधायक बने, जबकि भाजपा का एक भी गुर्जर विधायक नहीं बन पाया।
राजस्थान की कुल 200 विधानसभा सीटों में से 18 तो ऐसी हैं, जहां गुर्जर समाज ही विधायक तय करता है। जबकि अन्य 32 विधानसभा ऐसी हैं, जहां गुर्जर मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है, जो जीत—हार तय करने में अपनी भूमिका रखते हैं। इनमें अजमेर, भीलवाड़ा, कोटा, बूंदी, दौसा, सवाई माधोपुर, करौली एवं अलवर जिले के अलावा जयपुर ग्रामीण इलाके की विधानसभा सीट शामिल हैं।
भाजपा की निगाह गुर्जरों के वोट बैंक पर
भाजपा की निगाह फिलहाल गुर्जरों के इस वोट बैंक पर है। कांग्रेस में सचिन पायलट की जारी उपेक्षा का लाभ भी भाजपा उठाना चाह रही है। अगर गुर्जर समाज भाजपा के पक्ष में आ जाए तो आगामी विधानसभा में सत्तारूढ़ होने के बावजूद कांग्रेस उसके लिए चुनौती नहीं रहेगी। प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा को लेकर भाजपा और कांग्रेस नेताओं की राय अलग—अलग है। भाजपा नेता जहां इस यात्रा को पूरी तरह धार्मिक बता रहे हैं, वहीं कांग्रेस नेता इसे राजनीतिक।
भाजपा के प्रदेश प्रभारी एवं राष्ट्रीय महासचिव अरूण सिंह, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सहित अन्य सभी बड़े नेता प्रधानमंत्री की यात्रा को लेकर भीलवाड़ा में बने हुए हैं। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री भगवान देवनारायण की 1111वीं जयंती पर होने वाले कार्यक्रम में हिस्सा लेकर पूर्वी राजस्थान और गुर्जर समाज में बड़ा संदेश देंगे। इधर, कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह महज एक राजनीतिक यात्रा है।
कांग्रेस का भाजपा पर आरोप
भीलवाड़ा जिले से राजस्व मंत्री रामलाल गुर्जर का कहना है कि कांग्रेस ने भगवान देवनारायण मंदिर का विकास का काम किया था और अब केवल लोगों में धार्मिक भावनाएं भड़काने का काम किया जा रहा है। इसी तरह अन्य कांग्रेस नेताओं ने भी इसे पूरी तरह राजनीतिक यात्रा करार दिया। उनका कहना है कि आदिवासियों को साधने की कोशिश भी की गई थी लेकिन मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित नहीं किया गया। हालांकि सच्चाई यह है कि इसका लाभ गुजरात चुनाव में भाजपा को मिला और आदिवासी बहुल सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी विजयी रहे। राज्य में गुर्जर समाज कांग्रेस से पिछले कुछ सालों से नाराज चल रहा है।
दरअसल साल 2018 के विधानसभा चुनाव कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के नेतृत्व में लड़ा गया। उनके मुख्यमंत्री बनने की संभावना के चलते गुर्जर समाज ने एकतरफा वोट कांग्रेस को दिया लेकिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया। जिससे गुर्जर समाज नाराज हो गया और लोकसभा चुनाव में यह समाज भाजपा के पक्ष में चला गया और प्रदेश की सभी 25 लोकसभा सीटों पर भाजपा विजयी रही। गुर्जर समाज की कांग्रेस के प्रति नाराजगी का लाभ भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव 2023 में उठाना चाहती है।