नई दिल्ली:राजस्थान विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस बहुत संभल-संभलकर अपने दांव चल रही है। पार्टी ने प्रदेश के 200 सीटों में से अब तक केवल 76 उम्मीदवारों के ही नाम का ऐलान किया है। इन नामों में पार्टी ने कोई बड़ा बदलाव नहीं करते हुए पुराने चेहरों पर भी भरोसा जताया है। सरकार के गठन के वक्त समर्थन करने वाले छह निर्दलीय विधायकों को भी पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित किया है। राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान होगा और मतों की गिनती तीन दिसंबर को की जाएगी।
कांग्रेस राजस्थान में रिवाज बदलने के लिए चुनाव लड़ रही है। यही वजह है कि पार्टी हर निर्णय बहुत संभलकर कर रही है। पार्टी ने अभी तक जिन सीट पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है, उनके नाम पर मुहर सर्वे रिपोर्ट में भी लगी थी। पर बाकी सीट पर पार्टी कई विधायकों के टिकट काट सकती है। क्योंकि, करीब दो दर्जन विधायकों का प्रदर्शन खराब रहा है।
टिकट कटने पर विधायक और समर्थकों की नाराजगी स्वाभाविक है। टिकट न मिलने से भाजपा में पैदा हुई स्थिति से सबक लेते हुए कांग्रेस ने पहले ही समन्वय समिति का गठन कर दिया है। वरिष्ठ नेता मोहन प्रकाश की अध्यक्षता वाली यह समिति उम्मीदवारों में बगावत व नाराजगी रोकने का प्रयास करेगी, ताकि माहौल खराब न हो।
राजस्थान में पार्टी ने अब तक जिन 76 उम्मीदवारों का ऐलान किया है, उनमें 68 मौजूदा विधायक हैं। इनमें छह निर्दलीय भी हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2018 में सरकार का समर्थन करने वाले 13 में से 10 निर्दलीय विधायकों को पार्टी में शामिल किया था। इसके अलावा पार्टी ने गहलोत सरकार के 15 मंत्रियों को भी टिकट दिया है।
सभी मंत्रियों को टिकट देने की तैयारी प्रदेश कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि मंत्री हेमाराम चौधरी और लालचंद कटारिया चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। ऐसे में एक-दो मंत्रियों को छोड़कर पार्टी सभी मंत्रियों को टिकट देने की तैयारी कर रही है। उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लगाने के लिए 25 अक्टूबर को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक है। ऐसे में बाकी सीट पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान बाद में होगा। कांग्रेस को राज्य में 124 और सीटों पर प्रत्याशी घोषित करने हैं।