मंदिर के द्वार में बड़े बड़े घंटे या फिर घंटी लगाने की परंपरा सदियों से यूं ही चली आ रही है। वहीं घर में भी पूजा करते समय जब आरती करते हैं, तो घंटी बजाना शुभ माना जाता है। बाजार में विभिन्न तरह की घंटी मिल जाती है। लेकिन इन सभी घंटियों में गरुड़ घंटी सबसे ज्यादा शुभ मानी जाती है। मान्यताओं के अनुसार, जब सृष्टि की रचना की जा रही थी तो रचना में ध्वनि और नाद का सबसे अधिक योगदान था। इसलिए माना जाता है कि सृष्टि की रचना में जो नाद निकला था वो अब गरुड़ घंटी को बजाने में निकलता है। इसकी ध्वनि से देवी-देवता अति प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही वातावरण शुद्ध होता है।
शास्त्रों के अनुसार, पूजा के समय गरुड़ घंटी बजाने से आसपास की नकारात्मक ऊर्जा और वास्तु दोष समाप्त हो जाता है। ऐसे में देवी-देवता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जानिए गरुड़ घंटी के बारे में।
कितनी प्रकार की होती हैं घंटियां
घंटियां चार तरह की होती है।
गरुड़ घंटी
यह घंटी हाथ से बजाई जाती है। इसके ऊपरी सिरे में गरुड़ बना हुआ होता है।
द्वार घंटी
इस तरह की घंटी छोटी और बड़ी दोनों आकार की होती है। यह द्वार में टांगी जाती है।
हाथ घंटी
यह घंटी सत्यनारायण पाठ, रामायण पाठ आदि के समय बजाई जाती है। यह पीतल का ठोस गोल आकार की प्लेट नुमा होती है जिसे एक लकड़ी के हथौड़े से बजाया जाता है।
घंटा
यह सबसे बड़ा घंटा होता है जो आमतौर पर मंदिरों में लगाया जाता है। इस घंटे की ध्वनि कई किलोमीटर तक सुनाई देती है।
गरुड़ घंटी बजाना क्यों माना जाता है शुभ
- गरुड़ भगवान विष्णु का वाहन होने के साथ द्वारपाल है। इसी कारण यह अधिकतर मंदिरों के द्वार में बने होते हैं। कई बार घर को बुरी शक्तियों से बचाने के लिए गरुड़ की मूर्ति या तस्वीर द्वार पर रखना शुभ माना जाता है।
- शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि सुबह और शाम के समय घंटी जरूर बजानी चाहिए। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाती है।
- घंटे या घंटियों को काल का भी प्रतीक माना जाता है। माना जाता है कि जब प्रलय काल आएगा तब इसी प्रकार घंटियों की आवाज सुनाई देगी।
- स्कंद पुराण के अनुसार, मंदिर में घंटी बजाने से व्यक्ति को सौ जन्मों के पापों से मुक्ति मिल जाती है।
- माना जाता है कि रोजाना स्नान आदि के बाद गरुड़ घंटी बजाने से भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी अति प्रसन्न होती है और सुख समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
- गरुड़ घंटी रोज बजाने से घर का वातावरण शुद्ध होता है, जिससे सदस्यों के बीच प्रेम बना रहता है।
- गरुड़ घंटी बजाने के साथ आरती करने से पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है। इसके साथ ही व्यक्ति को मानसिक तनाव से छुटकारा मिलता है।