डेस्क:बिहार के पूर्णिया से बड़ी खबर है जहां पुलिस एनकाउंटर में एक कुख्यात डकैत को पुलिस ने मार गिराया है। पूर्णिया में बायसी के ताराबाड़ी के समीप पुलिस ने उसका एनकाउंटर कर दिया। मारे गए डकैत सुशील मोची की तलाश बिहार पुलिस के साथ साथ बंगाल पुलिस को भी थी। उस पर दो लाख का ईनाम रखा गया थ। बिहार के साथ-साथ पश्चिम बंगाल के विभिन्न थानों में उसके खिलाफ हत्या, लूट, डकैती के केस दर्ज थे। दोनों राज्यों की पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए अभियान चला रही थी। लेकिन शुक्रवार की अहले सुबह पूर्णिया पुलिस ने मुठभेड़ में उसे ढेर कर दिया।
जानकारी के मुताबिक डकैत सुशील मोची पिछले साल जनवरी महीने में जेल से छूटकर आया था। वह रौटा के अन्नगढ़ इलाके का रहने वाला था। उसके ऊपर दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज हैं जिनमें पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए उसका शव भेज दिया है और आगे की छानबीन में जुट गई है। घटना की सूचना जंगल के आग की तरह इलाके में फैल गई। घटना स्थल पर काफी भीड़ जुटी है।
मारा गया डकैत सुशील मोची पुलिस की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल था जिसे पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है। जिले की पुलिस एवं एसटीएफ ने यह कार्रवाई बायसी थाना के ताराबाड़ी में देर रात की है। इस कुख्यात पर बिहार और बंगाल में डाके के दर्जन भर से ऊपर मामले दर्ज होने की बात सामने आ रही है।
जानकारी देते हुए बायसी एसडीपीओ आदित्य कुमार ने बताया कि एनकाउंटर में मारे गए बदमाश का पैतृक घर अनगढ़ थाना क्षेत्र में है। परन्तु यहां से वह बंगाल में शिफ्ट कर गया था। वहीं से वह गैंग संचालित कर रहा था। पुलिस ने उसपर दो लाख का इनाम घोषित कर रखा था। पिछले साल जनवरी में जेल से बाहर होने के बाद लगातार आपराधिक घटनाओं को अंजाम वह अंजाम दे रहा था।
गौरतलब है कि बायसी थाना क्षेत्र में दो महीने पहले कुख्यात डकैत बाबर को भी पुलिस ने एनकाउंटर मे ढेर कर दिया था। किशनगंज का मूल निवासी बाबर भी बंगाल में शरण लेकर वहां से गैंग संचालित कर रहा था।