मुंबई। एनआईए मामलों की एक विशेष अदालत ने बुधवार को 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर की स्वास्थ्य रिपोर्ट तलब की है। अदालत ने जांच एजेंसी एनआईए से प्रज्ञा सिंह के स्वास्थ्य पर रिपोर्ट पेश करने को कहा है। अदालत ने कहा कि सितंबर 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले की सुनवाई में प्रज्ञा सिंह ठाकुर की गैरहाजिरी से कार्यवाही बाधित हो रही है। अदालत ने इस मामले में एनआईए को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए डेड लाइन भी दी है।
बता दें कि मामले की मुख्य आरोपी भोपाल से सांसद प्रज्ञा सिंह ने स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देते हुए पेशी से एक बार फिर छूट मांगी थी। इस पर अदालत ने उक्त आदेश पारित किया। एनआईए मामलों के विशेष न्यायाधीश एके लाहोटी ने एनआईए से उनकी स्वास्थ्य स्थिति की पुष्टि करने के निर्देश दिए। साथ ही आठ अप्रैल तक प्रज्ञा ठाकुर के स्वास्थ्य पर रिपोर्ट पेश करने को कहा… अदालत ने कार्यवाही में शामिल नहीं होने पर भोपाल सांसद के खिलाफ 11 मार्च को जमानती वारंट जारी किया था।
बता दें कि प्रज्ञा के कोर्ट में पेश होने के बाद 22 मार्च को वारंट रद्द कर दिया गया था। हालांकि उसके बाद वह पेश नहीं हुईं। अदालत ने 28 मार्च को उन्हें तीन अप्रैल को पेश होने का निर्देश दिया था। अदालत ने कहा था कि यदि वह पेश नहीं हुईं तो उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया जाएगा। उनके वकील ने यह दावा करते हुए छूट की मांगी थी कि प्रज्ञा ठाकुर की बीमारियों की प्रकृति गंभीर है। उनकी स्थिति ठीक नहीं है। वह डॉक्टरों की सलाह पर भोपाल में अपने घर इलाज करा रही हैं।
प्रज्ञा ठाकुर के वकीन ने बताया कि डॉक्टर ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है। वहीं एनआईए ने अदालत को बताया कि चूंकि प्रज्ञा ठाकुर मुंबई में नहीं थीं, इसलिए वह उनके दावों की पुष्टि नहीं की जा सकी। इस पर न्यायाधीश ने कहा कि बयान को दर्ज करने के लिए आरोपी की उपस्थिति जरूरी है। प्रज्ञा की गैरहाजिरी अदालती कार्यवाही में बाधा डाल रही है। मालेगांव में 29 सितंबर, 2008 को एक मस्जिद के पास धमाके से छह लोगों की मौत हो गई थी जबकि 100 से अधिक घायल हो गए थे।