भोपाल:भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा की परिवारवाद की व्याख्या के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अपने विधायक भतीजे की पत्नी के पंचायत चुनाव में नामांकन पर्चा भरने की खबरों से पल्ला झाड़ लिया है। विधायक भतीजे की पत्नी के खिलाफ भारती ने पार्टी को स्वतंत्र रूप से फैसला लेने की छूट दे दी है।
मध्य प्रदेश में दो दिन के प्रवास के दौरान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी में परिवारवाद की व्याख्या की थी और नगरीय निकाय व पंचायत चुनाव में भी इसके मुताबिक ही टिकट वितरण की बात कही थी। इस दायरे में पहली दिग्गज नेता पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का परिवार आया है।
भारती के भतीजे राहुल सिंह लोधी खरगापुर विधानसभा सीट से विधायक हैं। उनकी पत्नी उमिता ने जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पर्चा भर दिया है। हालांकि उमिता के नामांकन पर्चे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है और समाचार पत्रों में उनके नामांकन पत्र दाखिल करने का समाचार पढ़ने के बाद उन्हें सूचना मिली है।
भारती ने झाड़ा पल्ला
पू्र्व मुख्यमंत्री भारती ने भतीजी बहू उमिता के जिला पंचायत सदस्य के रूप में नामांकन दाखिल किए जाने की जानकारी लगते ही सोशल मीडिया पर उसके नामांकन पर्चे के आधार पर भाजपा नेतृत्व को फैसला लेने के लिए स्वतंत्र छोड़ने की पोस्ट अपलोड की है। भारती ने कहा कि उमिता एक उच्च शिक्षित बुद्धिमान महिला है और उसकी निजता का वे सम्मान करती हैं। भाजपा के अनुशासन का पालन करना हरेक पार्टी कार्यकर्ता का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी में यह नहीं है कि वे पार्टी की सदस्य हैं या नहीं, इसलिए पार्टी उमिता की उम्मीदवारी के संबंध में नियम के अनुसार ही फैसला ले।