भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का आगाज भारत ने दमदार अंदाज में किया है। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में इस तरह से भारत ने 1-0 की बढ़त बना ली है। भारत ने मैच चौथे दिन ही 295 रनों से अपने नाम कर लिया। भारतीय टीम की जीत के हीरो की बात करें तो इसमें भले ही जसप्रीत बुमराह और यशस्वी जायसवाल का योगदान सबसे ज्यादा रहा हो, लेकिन उनके अलावा तीन और ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनके बिना इस टेस्ट में जीत दर्ज कर पाना आसान नहीं होता। पर्थ टेस्ट वैसे तो कई बातों के लिए याद किया जाएगा, लेकिन जिस तरह से भारतीय यंग ब्रिगेड ने ऑस्ट्रेलिया को उसी की धरती पर नाक रगड़ने के लिए मजबूर किया, उसका जिक्र हमेशा होगा। रोहित शर्मा, मोहम्मद शमी और शुभमन गिल जैसे खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी इस टेस्ट जीत को और ज्यादा खास बनाती है। चलिए एक नजर डालते हैं पर्थ टेस्ट मैच के पांच हीरो पर-
जसप्रीत बुमराह
शुरुआत कप्तान बुमराह के साथ इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि जब टीम इंडिया 150 रनों पर ऑलआउट हुई थी, तब किसी को उम्मीद नहीं थी कि टीम इंडिया इस टेस्ट को जीत पाएगी। बुमराह ने पहली पारी में 18 ओवर में महज 30 रन देकर पांच विकेट चटकाए। बुमराह के इस पंजे के साथ एक चीज और जो बहुत खास थी वह मैदान पर उनकी कप्तानी। बुमराह को इसके लिए पूर्व कप्तान विराट कोहली का पूरा साथ भी मिला, लेकिन जिस तरह से उन्होंने गेंदबाजी में बदलाव किया और लगातार ऑस्ट्रेलिया पर दबाव बनाए रखा, उसका जिक्र करना भी जरूरी है। बुमराह ने दूसरी पारी में भी ऑस्ट्रेलिया को शुरू में ही झटके देकर भयंकर दबाव में डाल दिया और दूसरी पारी में खतरनाक दिख रहे ट्रैविस हेड का भी विकेट झटका।
यशस्वी जायसवालऑस्ट्रेलिया में पहली बार टेस्ट सीरीज खेलने आए यशस्वी जायसवाल के लिए भले ही आगाज अच्छा ना रहा हो, लेकिन पहली पारी की पूरी कसर उन्होंने दूसरे पारी में निकाल ली। यशस्वी पहली पारी में बिना खाता खोले आउट हो गए थे और दूसरी पारी में 161 रनों की जबर्दस्त पारी खेली। उनकी पारी के दम पर ही भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पूरी तरह से बैकफुट पर ढकेल दिया।
केएल राहुल
केएल राहुल का योगदान बिल्कुल नहीं भूलना चाहिए। पर्थ टेस्ट की पहली पारी में जब एक छोर से विकेट गिर रहे थे, राहुल ने 74 गेंदें खेलीं और 26 रनों की अहम पारी खेली। राहुल अनलकी रहे, जिस तरह से उन्हें आउट दिया गया था, अगर वह नहीं होता, तो शायद वह पहली पारी में भी पचासा तो कम से कम जड़ ही लेते, लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने पचासा भी ठोका और यशस्वी के साथ पहले विकेट के लिए 201 रनों की साझेदारी भी निभाई। केएल ने 176 गेंदों पर 77 रनों का योगदान दिया।
विराट कोहली
विराट कोहली के लिए ऑस्ट्रेलिया में खेलना क्या है, यह किसी को बताने की जरूरत ही नहीं है। ऑस्ट्रेलिया में विराट के रिकॉर्ड्स बताते हैं कि उन्हें यहां खेलना कितना रास आता है। पहली पारी में पांच रनों पर आउट होने वाले विराट ने दूसरी पारी में शतक लगाया और करियर का 30वां टेस्ट शतक लगाया। विराट की बैटिंग से भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पूरी तरह से गेम से बाहर कर दिया।
नीतीश कुमार रेड्डी
टीम इंडिया के लिए डेब्यू टेस्ट खेल रहे नीतीश कुमार रेड्डी ने दोनों पारियों में बैटिंग से तो प्रभावित किया ही, दूसरी पारी में गेंदबाजी का मौका मिलने पर भी उन्होंने विकेट निकाला। पहली पारी में नीतीश भारत की ओर से बेस्ट स्कोरर रहे और उनके 41 रनों की पारी ने मैच में बहुत बड़ा अंतर भी पैदा किया। नीतीश ने 59 गेंदों पर 41 रन बनाए और छह चौके के साथ एक छक्का लगाया। इसके बाद दूसरी पारी में उन्होंने 27 गेंदों पर नॉटआउट 38 रन बनाए। जबकि गेंदबाजी के दौरान उन्होंने मिचेल मार्श का विकेट चटकाए।