पुणे:लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर से जुड़े मानहानि के मामले में पुणे की एक विशेष एमपी/एमएलए अदालत में नया मोड़ ला दिया है। बुधवार को दायर एक आवेदन में राहुल गांधी ने दावा किया कि इस मामले में शिकायतकर्ता सात्यकि सावरकर, महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के परिवार से संबंध रखते हैं।
राहुल गांधी ने कोर्ट में कहा है कि सात्यकि सावरकर, नाथूराम गोडसे के छोटे भाई गोपाल विनायक गोडसे के पोते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सात्यकि ने अपने पारिवारिक संबंधों की जानकारी जानबूझकर छिपाई और अदालत को गुमराह करने का प्रयास किया।
वंश को लेकर कोर्ट में मांग
कांग्रेस नेता ने अदालत से अपील की है कि वह शिकायतकर्ता को अपने पारिवारिक वंश का खुलासा करने का आदेश दे। राहुल के अनुसार, “यह तथ्य कि शिकायतकर्ता गोडसे परिवार से सीधे तौर पर संबंधित हैं, इस मानहानि मामले की प्रकृति और दिशा के लिए अत्यंत प्रासंगिक है।”
आवेदन में यह भी कहा गया कि शिकायतकर्ता की मां, स्वर्गीय हिमानी अशोक सावरकर, गोपाल विनायक गोडसे की पुत्री थीं। हिमानी सावरकर न केवल नाथूराम गोडसे की भतीजी थीं, बल्कि अभिनव भारत और अखिल भारतीय हिंदू महासभा जैसे संगठनों से भी सक्रिय रूप से जुड़ी थीं।
झूठी गवाही और अवमानना का भी आरोप
राहुल गांधी ने अदालत में एक और आवेदन दायर करते हुए सात्यकि सावरकर पर झूठी गवाही देने, मानहानि करने और न्यायालय की अवमानना करने का आरोप भी लगाया। राहुल के अनुसार, सात्यकि ने 9 मई को एक भ्रामक आवेदन दाखिल किया था जिसमें यह कहा गया कि गांधी ने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है।
इस पर कोर्ट ने सात्यकि सावरकर से जवाब तलब किया है और उन्हें 12 जून तक का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई अब उसी दिन होगी।
क्या है मामला?
मामला मार्च 2023 का है जब राहुल गांधी ने लंदन में एक कार्यक्रम के दौरान वीर सावरकर के एक कथित लेख का हवाला देते हुए यह टिप्पणी की थी कि उन्होंने एक मुस्लिम व्यक्ति पर हमले को “सुखद” बताया था। इसी के चलते सात्यकि सावरकर ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। उनका दावा है कि सावरकर के किसी भी लेख में इस तरह की बात नहीं कही गई थी।
अब राहुल गांधी के नए दावे और शिकायतकर्ता के वंश को लेकर उठाए गए सवालों के चलते यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। 12 जून को कोर्ट में अगली सुनवाई से पहले दोनों पक्षों की कानूनी तैयारियों पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।