डेस्क:कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के अमेरिका में सिख समुदाय को लेकर दिए बयानों पर चर्चाएं जारी हैं। इसी बीच तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने उनके बयानों को ‘सही’ करार दिया है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि कांग्रेस के शासन में सिख समुदाय की हालत ठीक नहीं थी। भारतीय जनता पार्टी ने अमेरिका में दिए राहुल के बयान की आलोचना की थी।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, तख्त दमदमा साहिब जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा, ‘ऐतिहासिक रूप से सिखों को कांग्रेस के शासन काल में उत्पीड़न और नरसंहार का सामना करना पड़ा था, लेकिन राहुल ने सिखों को लेकर जो कहा है वह सही है।’ अखबार से बातचीत में उन्होंने बताया, ‘समुदाय के लिए हालत एक जैसे ही हैं। हर नए कठोर कानून का इस्तेमाल सबसे पहले सिखों के खिलाफ ही किया जाता है।’
उन्होंने सिख समुदाय के खिलाफ हेट प्रोपेगैंडा चलाए जाने की भी बात कही है। उन्होंने कहा, ‘समुदाय के खिलाफ नफरत भरा प्रोपेगैंडा जारी है और यहां तक कि अब इसमें इजाफा हो गया है।’
खास बात है कि जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की तरफ से बयान ऐसे समय पर आया है, जब हाल ही में सिख समुदाय के प्रतिनिमंडल ने गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय से मुलाकात की थी। प्रतिनिधिमंडल का दावा है कि राहुल के बयान से सिख समुदाय की नकारात्मक छवि गई है।
एजेंसी वार्ता के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति, तख्त पटना साहिब समिति, हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक समिति, तख्त श्री हजूर साहिब प्रबंधक समिति सहित कोलकाता, इंदौर, लखनऊ, हैदराबाद और झारखंड समेत विभिन्न स्थानों की गुरुद्वारा समितियों के अधिकारी शामिल थे। इस अवसर पर हरियाणा समिति के प्रमुख भूपिंदर सिंह असंध, पटना से उपाध्यक्ष गुरविंदर सिंह, सदस्य मोहिंदरपाल सिंह ढिल्लों, डॉक्टर गुरमीत सिंह, हरपाल सिंह जोहल, हजूर साहिब बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. विजय सतबीर सिंह, झारखंड से शालजिंदर सिंह और अन्य सिख नेता भी उपस्थित थे।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व दिल्ली समिति के प्रमुख सरदार हरमीत सिंह कालका, महासचिव सरदार जगदीप सिंह काहलों और पूर्व प्रमुख तथा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा ने किया।
बयान वापस लेने की मांग
शनिवार को ही भाजपा ने राहुल से बयान वापस लेने की मांग की है। सिरसा ने कहा कि सिख संगठनों ने गांधी से बयान वापस लेने का आग्रह किया है क्योंकि यह उन्हें नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा कि गुरपतवंत सिंह पन्नू जैसी राष्ट्र विरोधी ताकतों ने गांधी की टिप्पणी का फायदा उठाया है। उन्होंने कांग्रेस की आलोचना करते हुए इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 के सिख विरोधी दंगों से पहले 80 के दशक की शुरुआत में सिखों को निशाना बनाए जाने की घटना को याद किया। सिरसा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अब वैसा ही माहौल बनाने की कोशिश कर रही है।