उदयपुर:कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को ‘नव संकल्प शिविर’ के समापन सत्र को संबोधित किया। राहुल गांधी ने कहा कि आज सबसे बड़ा सवाल यही है कि सरकार की कथित अराजक कदमों का कैसे जवाब दिया जाए। सरकार का फोकस गरीबों पर नहीं है। उसने अपने चंद पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाया है। मौजूदा वक्त में किसी को भी बोलने नहीं दिया जा रहा है। संसद में सदस्यों को बोलने नहीं दिया जा रहा। न्यायपालिका पर भी दबाव बनाया जा रहा है।
राहुल गांधी ने कहा कि यह समझना जरूरी है कि यदि कोई नहीं बोलेगा तो इसके गंभीर नतीजे देश को भुगतने पड़ेंगे। कांग्रेस पार्टी के डीएनए में सबको बोलने का अधिकार है। देश का कौन सा राजनीतिक दल इस प्रकार की बातचीत की अनुमति देगा..? निश्चित तौर पर भाजपा और आरएसएस ऐसा कभी नहीं करेंगे।
राहुल ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जनता के बीच जाने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमें बिना सोचे जनता के बीच जाकर बैठ जाना चाहिए जो उनकी समस्या है उसे समझना चाहिए। हमें आम लोगों की समस्याओं को उठाना चाहिए। यह हमारे डीएनए में है। हम जनता के बीच से ही निकले हैं।
राहुल ने कहा कि हमारा जनता के साथ जो कनेक्शन था उस कनेक्शन को फिर से बनाना पड़ेगा। जनता जानती है कि कांग्रेस पार्टी ही देश को आगे ले जा सकती है। कांग्रेस पार्टी ने निर्णय लिया है कि अक्टूबर महीने में पूरी कांग्रेस पार्टी जनता के बीच जाएगी और यात्रा करेगी। जनता के साथ जो रिश्ता कांग्रेस का था उसे फिर से पूरा करेगी। ये शार्टकट से नहीं होने वाला है और ये काम पसीना बहाकर ही किया जा सकता है।
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार ने हिंदुस्तान के युवाओं के भविष्य को नष्ट कर दिया है। एक तरफ बेरोजगारी दूसरी तरफ महंगाई की मार से आम आदमी परेशान है। यूक्रेन में युद्ध हुआ है जिसकी वजह से आने वाले समय में मुद्रा स्फीति पर असर पड़ेगा। आने वाले समय में देश में बड़ी आग लगेगी। आने वाले समय में महंगाई बढ़ेगी। इसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार नहीं है। इसके लिए भाजपा और सरकार जिम्मेदार है।
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार जितना ही संस्थाओं को तोड़ेगी उतना ही इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा। हमारी लड़ाई विचारधारा की है। यह देश के भविष्य की लड़ाई है देश को बचाने की लड़ाई है। हमारी लड़ाई देश तोड़ने से बचाने की लड़ाई है। कांग्रेस क्षेत्रीय पार्टियों की बात करेगी लेकिन भाजपा ऐसा नहीं करेगी। इस आयोजन ने पूरी कांग्रेस को एक परिवार की भांति एकजुट करने का काम किया है।