टोंक जिला को सचिन पायलट का गढ़ माना जाता है। राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां इस वक्त चुनावी तैयारियों में जुटी हुई हैं। रमेश बिधूड़ी दक्षिणी दिल्ली से बीजेपी के सांसद हैं। टोंक जिले को लेकर हाल ही में सचिन पायलट ने यह भी कहा था कि टोंक पर सभी की नजर है। लेकिन उन्हें विश्वास है कि जनता इस बार पिछली बार से ज्यादा वोट देकर अपने ही पुराने रिकॉर्ड को तोड़ देगी। जाहिर है ऐसे में बीजेपी ने रमेश बिधूड़ी को यहां से उतारकर कांग्रेस को चुनौती देने की कोशिश की है।
ऐक्शन में रमेश बिधूड़ी
बीजेपी की तरफ से बड़ी जिम्मेदारी मिलते ही रमेश बिधूड़ी ऐक्शन में भी नजर आए। जयपुर में रमेश बिधूड़ी ने टोंक की समन्वय बैठक में प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के साथ बैठक की। इस बैठक के दौरान रमेश बिधूड़ी ने संगठनात्मक कार्यों और चुनाव की तैयारियों के साथ सेवा सप्ताह के कार्यक्रमों की भी जानकारी ली। बिधूड़ी ने इस बैठक की तस्वीरें भी एक्स पर शेयर की हैं।
कुछ मीडिया रिपोर्ट में यह भी बताया जा रहा है कि रमेश बिधूड़ी टोंक भी पहुंचे। यहां उन्होंने सवाई माधोपुर सांसद सुखबीर जौनापुरिया से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने विधायक राजेंद्र गुर्जर के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं की एक बैठक भी की है।
गुर्जर वोट बैंक को साधने की कोशिश
राजस्थान के कई जिलों में गुर्जरों का प्रभाव माना जाता है। टोंक जिला भी इनमें से एक है। विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी राज्य में गुर्जरों को अपने पक्ष में करने की कवायद में जुटी है। ऐसा माना जा रहा है कि सचिन पायलट को सीएम नहीं बनाने से गुर्जरों में नाराजगी है। इसलिए बीजेपी इस मौके को आने वाले विधानसभा चुनाव में भुनाना चाहती है। रमेश बिधूड़ी भी गुर्जर जाति से ही ताल्लुक रखते हैं। ऐसा माना जाता है कि बिधूड़ी को टोंक जिले का प्रभारी बना बीजेपी गुर्जरों के वोट को भी साधना चाहती है।
साल 2019 के चुनाव में गुर्जर बाहुल्य क्षेत्रों में बीजेपी कुछ खास नहीं कर पाई थी। वहीं इस समाज ने कांग्रेस का एकतरफा समर्थन किया था। राजस्थान को लेकर कहा जाता है कि यहां गुर्जरों के समर्थन के बिना सत्ता पर काबिज होना बेहद ही टेढ़ी खीर है। इसलिए बीजेपी राजस्थान में कांग्रेस को घेरने के लिए बड़ी रणनीति पर काम कर रही है।