रांची:झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के प्रेस सलाहकार सुनील तिवारी को झारखंड हाईकोर्ट से राहत मिली है। जस्टिस नवनीत कुमार की अदालत ने उनके खिलाफ किसी प्रकार की पीड़क कार्रवाई नहीं करने का निर्देश देते हुए सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। सुनील ने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी निरस्त करने के लिए याचिका दायर की है।
याचिका में कहा गया है कि 16 अगस्त 2021 को सुनील तिवारी के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध के लिए झूठी प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। खूंटी की एक युवती ने अरगोड़ा थाने में दुष्कर्म और जाति सूचक शब्द का प्रयोग करते हुए गाली देने का आरोप लगाया था।
पुलिस को दिए गए आवेदन में युवती ने आरोप लगाया था कि वह सुनील तिवारी के घर का काम करती थी। शुरुआती दिनों से ही सुनील तिवारी की बुरी नीयत का अंदाजा उसे उनके हाव-भाव से होने लगा था। सुनील हमेशा प्रलोभन देते थे। एक दिन घर के अन्य सदस्यों की गैर-मौजूदगी में सुनील ने उनके साथ छेड़छाड़ की।
सुनील तिवारी की तरफ से पक्ष रख रहे वरीय अधिवक्ता आरएस मजुमदार ने अदालत को कहा कि यह प्राथमिकी पूरी तरह बेबुनियाद है। पीड़िता के परिजन ही इस आरोप को गलत ठहरा रहे हैं। अभी तक पुलिस इस मामले की जांच पूरी नहीं कर सकी है। पुलिस के पास इसका कोई साक्ष्य भी नहीं है। इस पर अदालत ने प्रार्थी के खिलाफ पीड़क कार्रवाई नहीं करने का आदेश देते हुए सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।