कोलकाता:पश्चिम बंगाल के संदेशखाली मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार को एक अहम आदेश में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (SIT)का गठन करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि जांच टीम उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में महिलाओं द्वारा लगाए गए सभी तरह के आरोपों की जांच करेगी। इसमें बलात्कार से लेकर यौन उत्पीड़न और जबरन कृषि भूमि हड़पने के मामले शामिल हैं।
चीफ जस्टिस टीएस शिवगणम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने यह आदेश पारित किया है। इन कथित अपराधों और इनकी जांच स्थानीय पुलिस से लेकर सीबीआई को ट्रांसफर करने से जुड़ी याचिका पर स्वत: संज्ञान लेते हुए पीठ ने ये आदेश दिया है। इस मामले में मुख्य आरोपी, तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां और टीएमसी संचालित जिला परिषद के दो सदस्यों, उत्तम सरदार और शिबू हाजरा को राज्य पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है लेकिन मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग स्थानीय लोग कर रहे थे।
55 दिनों तक लुकाछिपी के बाद 28 फरवरी को शाहजहां शेख को बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। फिलहाल वह प्रवर्तन निदेशालय की कस्टडी में है। इससे पहले सीबीआई भी उसे कई दिनों तक अपनी हिरासत में रख चुकी है। शाहजहां शेख को सार्वजनिक वितरण प्रणाली घोटाले के सिलसिले में 5 जनवरी को उनके घर पर छापा मारने वाली ईडी टीम पर हमला करने की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने ही ईडी अधिकारियों पर कथित हमले की जांच का सीबीआई आदेश दिया था। अब कोर्ट ने सीबीआई जांच का दायरा बढ़ा दिया है और उसे उन आरोपों की भी जांच करने को कहा है, जिसे फरवरी में टीएमसी नेताओं के खिलाफ ग्रामीणों ने विद्रोह कर लगाया था। दरअसल, संदेशखाली निवासियों ने शेख पर जबरन वसूली, जमीन पर कब्जा करने, बलात्कार और यौन शोषण के आरोप लगाए थे। इन सभी आरोपों को हाई कोर्ट ने अब सीबीआई के जांच दायरे में ला दिया है। आरोप यह भी है कि टीएमसी नेताओं ने ग्रामीणों की जमीन का जबरन इस्तेमाल खारे पानी में मछली पालन के लिए किया, जिससे उनके खेतों की मिट्टी खेती के लिए अनुपयुक्त हो गई।
पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करने वाली वकील और भाजपा नेता प्रियंका टेबरीवाल ने कहा, “हाई कोर्ट ने CBI को लोगों से शिकायतें प्राप्त करने के लिए एक समर्पित पोर्टल और ई-मेल आईडी लॉन्च करने का भी आदेश दिया और कहा कि संघीय एजेंसी अपनी जांच करने के लिए किसी भी रैंक के किसी भी राज्य सरकार के अधिकारी को बुला सकती है।” टेबरीवाल ने अदालत को बताया कि टीएमसी नेता का अपराध संदेशखाली तक ही सीमित नहीं था बल्कि निकटवर्ती क्षेत्रों के लोगों का भी उसने शोषण किया है।
हाई कोर्ट ने बुधवार के आदेश में सीबीआई और राज्य सरकार को भी कई निर्देश दिए हैं। अपने आदेश में अदालत ने कहा कि राज्य के सभी अधिकारियों को संघीय एजेंसी के साथ सहयोग करना चाहिए और पूरे संदेशखाली में सुरक्षा कैमरे और स्ट्रीट लाइटें तुरंत लगाई जानी चाहिए। टिबरेवाल ने पीठ को बताया कि शिकायतों में यौन उत्पीड़न के कथित पीड़ितों द्वारा दायर 100 से अधिक हलफनामे शामिल हैं। इनमें से एक महिला ने अपने हलफनामे में कहा कि उसके साथ 13 दिनों तक बार-बार रेप किया गया।
कलकत्ता हाईकोर्ट का यह आदेश ठीक उसी समय पारित किया गया, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उत्तर बंगाल के बालुरघाट में भाजपा की एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। शाह ने अपने भाषण में संदेशखाली मुद्दे पर टीएमसी सरकार को जमकर लताड़ लगाई है। शाह ने अपने भाषण में भी इसका जिक्र करते हुए कहा कि अब हाई कोर्ट ने सभी मामलों की सीबीआई जांच का आदेश दिया है। अपराधियों को अब उल्टा लटकाया जाएगा।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और बालुरघाट के सांसद सुकांत मजूमदार ने अदालत के आदेश का स्वागत किया है। दूसरी तरफ, टीएमसी के राज्य उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजूमदार ने कहा कि सीबीआई जांच से न्याय देने की प्रक्रिया में केवल देरी होगी।