जयपुर:राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संकेत दिए है कि 2020 में बगावत करने वाले विधायकों को भी टिकट दिया जाएगा। ऐसे में यह माना जा रहा है कि सचिन पायलट के समर्थक विधायकों के टिकट नहीं कटेंगे। सीएम गहलोत ने कहा कि हम सब एकजुट है। पुरानी बातें भूल चुके हैं। पायलट के साथ जाने वाले विधायकों के टिकट भी क्लीयर हो रहे हैं। सीएम गहलोत ने कहा कि मोदी सरकार चुनी हुई सरकार को गिराने का काम करती है। लेकिन राजस्थान में हमारी सरकार नहीं गिरा पाए। क्योंकि हमसब एकजुट थे। सीएम गहलोत ने साफ कर दिया है कि सचिन पायलट के साथ जाने वाले विधायकों के टिकट भी क्लीयर हो रहे हैं। हालांकि, कांग्रेस की पहली लिस्ट जारी होने के बाद ही सही तस्वीर साफ हो पाएगी कि पायलट के कितने समर्थकों को टिकट मिले है। सीएम गहलोत ने दिल्ली में एआईसीसी मुख्यालय में प्रेस वार्ता में बीजेपी पर जमकर निशाना साधा।
कांग्रेस के कौन 19 विधायक पायलट के साथ
बता दें जब सचिन पायलट ने 2020 में गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत की थी उनके साथ 19 विधायकों में दीपेंद्र सिंह शेखावत, हेमाराम चौधरी, इंद्राज गुर्जर, जीआर खटाणा, मुकेश भाकर, भंवरलाल शर्मा, वेद प्रकाश सोलंकी, राकेश पारीक, हरीश मीणा, रमेश मीणा, पीआर मीणा, विश्वेंद्र सिंह, रामनिवास गावड़िया, अमर सिंह जाटव, गजेंद्र सिंह शक्तावत, बृजेंद्र सिंह ओला, सुरेश मोदी एवं मुरारीलाल मीणा पायलट के साथ-साथ डटे हुए थे। 2 निर्दलीय खुशवीर सिंह, सुरेश टांक भी पायलट कैंप के ही माने जाते हैं।
पायलट कैंप ने बुधवार को ही दे दिए थे संकेत
हालांकि, पायलट गुट का दावा था कि उनके साथ 30 विधायक हैं। लेकिन, पायलट समर्थक विधायकों की संख्या घटकर अब 25 हो गई है। इसमें से भी तीन विधायकों के गहलोत खेमे में लौटने आए थे।ष जिससे पायलट के साथ अब सिर्फ 22 विधायक रह गए हैं। बाद में इनमें से कई विधायकों ने साथ छोड़ दिया था। कुल 19 विधायक ही पायलट के साथ रहे थे। सरकार गिराने के लिए कम से कम 30 विधायक चाहिए थे। हालात को देखते हुए पायलट ने सुलह कर ली ही। पायलट समर्थक माने जाने वाले विधायक इंद्राज गुर्जर ने बुधवार को ही अपने फेसबुक अकाउंट पर टिकट मिलने के संकेत दिए थे।
गहलोत बोले- पद मुझे नहीं छोड़ रहा है
सीएम गहलोत ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहता हूं। लेकिन पद मुझे नहीं छोड़ रहा है। शायद आगे भी मुझे नहीं छोडे़गा। इसके बाद सीएम गहलोत ने बात संभालते हुए कहा कि यह मैंने मजाक में बात कही है। सियासी जानकारों का कहना है कि सीएम गहलोत बार-बार सचिन पायलट की बगावत को याद पायलट को साधने की कोशिश कर रहे हैं। बता दें वर्ष 2020 में सचिन पायलट ने बगावत कर दी थी। पायलट और उनके समर्थक विधायग गुड़गांव के होटल में कैंप किए हुए थे। सचिन पायलट ने स्वीकार किया था वह नेतृत्व परिवर्तन की मांग को लेकर अपने समर्थक विधायकों के साथ गुड़गांव गए थे। हालांकि, बाद में सुलह हो गई थी।
जांच एजेंसियां भरोसा खो रही है
सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियां भरोसा खोती जा रही है। एजेंसियों को प्रमुखों के कमिटमेंट देश के प्रति होना चाहिए। लेकिन जांच एजेंसियां दबाव में का कर रही है। लेकिन केंद्र को चिंता नहीं है। कोई भी घटना और दुर्घटना पर बोलना विपक्ष की जिम्मेदारी है। विपक्ष के बोलने से लोकतंत्र को मजबूती मिलती है। लोगों का विश्वास एजेंसियों पर बना रहे तब ही लोकतंत्र जिंदा बचेगा। आज आचार संहिता के दौरान छापे मारे जा रहे हैं। इन पर रोक लगनी चाहिए। आज हम एक-दुसरे को शत्रु मानते हैं। सीएम गहलोत ने कहा कि किरोड़ी लाल ने लाॅकर्स को लेकर बवाल खड़ा कर दिया। इसके बाद एजेंसियां सक्रिय हो गई।