रक्षाबंधन, जिसे आमतौर पर राखी के नाम से भी जाना जाता है, भाई-बहन के प्यार, विश्वास और सुरक्षा के प्रतीक का पर्व है। यह पर्व भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और इसे हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
रक्षाबंधन का महत्त्व
रक्षाबंधन का अर्थ है “सुरक्षा का बंधन”। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके दीर्घायु, सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। बदले में भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं और उन्हें उपहार देते हैं। इस पवित्र बंधन का उद्देश्य भाई-बहन के बीच प्यार, विश्वास और सुरक्षा को मजबूत करना है।
पौराणिक कथाएँ
रक्षाबंधन से जुड़ी कई पौराणिक कथाएँ भी हैं। सबसे प्रसिद्ध कथा महाभारत से जुड़ी है, जिसमें द्रौपदी ने भगवान कृष्ण की कलाई से खून बहते देख अपनी साड़ी का टुकड़ा फाड़कर उनकी कलाई पर बांध दिया था। इसके बदले में कृष्ण ने हमेशा द्रौपदी की रक्षा करने का वचन दिया था। इसी प्रकार, रानी कर्णावती और सम्राट हुमायूं की कथा भी इस पर्व से जुड़ी है, जिसमें रानी ने हुमायूं को राखी भेजकर अपनी रक्षा की गुहार लगाई थी।
समाज में रक्षाबंधन का स्थान
आज के समय में रक्षाबंधन सिर्फ भाई-बहन के बीच का पर्व नहीं रह गया है, बल्कि यह हर उस रिश्ते का प्रतीक बन गया है, जिसमें सुरक्षा, विश्वास और स्नेह है। भाई-बहन चाहे जितनी दूर क्यों न हों, इस दिन वे एक-दूसरे के साथ रहने की कोशिश करते हैं। अगर वे साथ नहीं हो सकते तो डाक के जरिए या ऑनलाइन राखी भेजते हैं।
समय के साथ बदलाव
समय के साथ रक्षाबंधन के तरीके में भी बदलाव आया है। पहले जहाँ राखी बनाने का काम घरों में ही होता था, अब बाजारों में तरह-तरह की राखियाँ उपलब्ध हैं। आधुनिक समय में यह पर्व सिर्फ एक पारिवारिक त्योहार नहीं रह गया है, बल्कि समाज में भाईचारे और एकता का प्रतीक भी बन गया है।
रक्षाबंधन का संदेश
रक्षाबंधन का संदेश है कि समाज में हर व्यक्ति को एक-दूसरे की रक्षा का वचन देना चाहिए। यह पर्व हमें बताता है कि चाहे हम किसी भी धर्म, जाति या वर्ग के हों, हमें एक-दूसरे की सुरक्षा और सम्मान का ध्यान रखना चाहिए।
रक्षाबंधन भाई-बहन के उस अटूट प्रेम को दर्शाता है, जो समय के साथ और भी मजबूत होता चला जाता है। यह पर्व हमें अपने रिश्तों को सहेजने और उन्हें सम्मान देने की प्रेरणा देता है।
रक्षाबंधन के इस पावन अवसर पर, सभी को अपने भाइयों और बहनों के साथ इस पर्व का आनंद उठाना चाहिए और अपने रिश्तों को और भी गहरा बनाना चाहिए।