जयपुर:राजस्थान में राज्यसभा के चुनाव होने के बाद भी जुबानी जंग जारी है। कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल पर आक्रामक दिखीं। कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने हनुमान बेनीवाल पर फिर जुबानी हमला बोला है। दिव्या मदेरणा ने ट्वीट कर कहा-किसान आंदोलन के बहाने बीजेपी से गठबंधन तोड़ा। सुभाष चंद्रा का चैनल आंदोलनकारी किसानों को आंतकवादी और खालीस्तानी कहता था। आरएलपी के 3 वोट भाकरी के बेर में गए। राजस्थान में किसान वर्ग की मजबूत आवाज बनकर रणदीप सुरजेवाला को जीत की बधाई देती हूं।
उल्लेखनीय है कि राज्यसभा चुनाव में भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा को समर्थन देने पर ओसियां से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल पर लगातार हमला बोल रही है। इससे पहले दिव्या मदेरणा ने कहा कि भाजपा समर्थिक निर्दलीय उम्मीदवार को समर्थन देकर आएलपी ने अपने जमीर से सौदेबाजी की है। हनुमान बेनीवाल को अपने जमीर की आवाज सुननी चाहिए थी। दिव्या मदेरणा ने बेनीवाल का नाम लिए बिना कहा कि वे हमेशा इस बात के दलील देते हैं कि मैंने किसानों की पार्टी बनाई है। किसानों की पैरवी करता हूं। ऐसे में उनका स्टैंड यह होना चाहिए था कि जो पार्टी किसान वर्ग का उम्मीदवार उतारेगी उसे ही वोट देंगे। दिव्या मदेरणा ने कहा कि जब इतिहास लिखा जाएगा तो आने वाली नस्लें यह देखेंगी की जब किसान वर्ग उम्मीदवार उतरा तो उन्होंने जमीर से सौदेबाजी की।
दिव्या मदेरणा ने आरएलपी को भाजपा की बी टीम बताते हुए जमकर निशाना साधा। हनुमान बेनीवाल ने भी दिव्या मदेरणा पर पलटवार किया था। आरएलपी सुप्रीमो ने कहा कि दिव्या मदेरणा के दादा और पिताजी का इलाज करने वाले सीएम अशोक गहलोत के पाले में ही जा बैठीं है। सीएम गहलोत ने ही मदेरणा परिवार की राजनीति खत्म की है। दिव्या मदेरणा को अपना अतीत देख लेना चाहिए। जानकारों का कहना है कि दिव्या मदेरणा हनुमान बेनीवाल पर हमला बोलकर खुद बड़ा जाट नेता स्थापित करने की कोशिश कर रही है। दिव्या मदेरणा के दादाजी परसराम मदेरणा के निधन के बाद राजस्थान की राजनीति में कोई बड़ा जाट नेता उभकर सामने नहीं आया।