मुंबई :बढ़ते साइबर क्राइम को देखते हुए केंद्रीय रिजर्व बैंक एक्शन मोड में है। दरअसल, रिजर्व बैंक इससे जुड़े दिशानिर्देशों में बदलाव करने की योजना बना रहा है ताकि बैंकों को कुछ अतिरिक्त अधिकार मिल सके। इसके तहत बैंकों को साइबर क्राइम करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले संदिग्ध खातों को अस्थायी रूप से फ्रीज करने की अनुमति मिल सकेगी।
क्या है प्लान: न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट में दो सरकारी सूत्रों ने कहा कि आरबीआई जल्द ही बैंकों को ऐसे खातों को निलंबित करने की अनुमति दे सकता है, जो संदिग्ध हैं। अभी बैंक पुलिस द्वारा साइबर क्राइम रिपोर्ट दर्ज करने के बाद ही संदिग्ध खातों को फ्रीज करते हैं। रिजर्व बैंक के नए कदम से पीड़ितों को पहले पुलिस शिकायत दर्ज करने की अनिवार्यता से मुक्ति मिलेगी।
सूत्रों ने कहा कि बैंकिंग नियामक आरबीआई, गृह मंत्रालय की साइबर धोखाधड़ी से लड़ने वाली एजेंसी से मिली जानकारी के आधार पर बैंकों के लिए अपने दिशानिर्देशों में संशोधन करेगा। इस मामले पर रॉयटर्स ने वित्त मंत्रालय, गृह मंत्रालय और आरबीआई से जवाब मांगा है। हालांकि, अब तक जवाब नहीं दिया है।
हर दिन लगभग 4,000 फ्रॉड अकाउंट
इंटरनल सरकारी डेटा से पता चलता है कि साल 2021 से साइबर फ्रॉड से वित्तीय संस्थानों में लगभग 1.26 बिलियन डॉलर का फंड आया है। जानकारी के मुताबिक हर दिन लगभग 4,000 धोखाधड़ी वाले खाते खोले जाते हैं। वहीं, हर दिन हजारों लोगों को टेलीफोन कॉल के जरिए फ्रॉड की कोशिश की जाती है। इनमें से कई के बैंक खातों और वॉलेट से फ्रॉड कर दिया जता है। फ्रॉड के बाद रकम संदिग्ध खातों में जमा हो जाती है। एजेंसी के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले तीन महीनों में सरकार ने पैसे निकालने के लिए इस्तेमाल किए गए 2,50,000 खातों को निलंबित कर दिया है।