कोलकाता:पश्चिम बंगाल से संदेशखाली कांड में अब एक नया मोड़ सामने आ गया है। 32 मिनट, 43 सेकंड के एक स्टिंग ऑपरेशन के दौरान रिकॉर्ड किए गए वीडियो ने पश्चिम बंगाल की सियासत में हलचल पैदा कर दी। वीडियो में दावा किया गया है कि इतने लंबे समय से आंदोलन कर रही संदेशखाली में महिलाओं पर अत्याचार का आरोप झूठा और मनगढ़ंत है। पूरा मामला बीजेपी ने रचाया है। स्टिंग वीडियो के मुताबिक, कथित तौर पर संदेशखाली के एक स्थानीय बीजेपी नेता ने वीडियो में यह बात स्वीकारी है। इस वीडियो के सामने आते ही टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का गुस्सा फूटा है। अपने ट्वीट में ममता बनर्जी ने सीधे-सीधे तौर पर भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
भाजपा पर भड़कीं ममता बनर्जी
मता बनर्जी ने एक्स पर कहा, “संदेशखाली का स्टिंग वीडियो चौंकाने वाला है। इस वीडियो ने साफ कर दिया कि भाजपा के भीतर कितनी गहरी सड़ांध है। बंगाल की प्रगतिशील सोच और संस्कृति के प्रति बांग्ला-विरोधियों ने अपनी नफरत से हमारे राज्य को हर संभव स्तर पर बदनाम करने की साजिश रची। भारत के इतिहास में पहले कभी भी दिल्ली की किसी सत्ताधारी पार्टी ने पश्चिम बंगाल और उसके लोगों को बदनाम करने की कोशिश नहीं की। इतिहास गवाह है जब भी बंगाल दिल्ली के षड्यंत्रकारी शासन के खिलाफ उतरता है तो उसे उखाड़ फेंकता है।”
वायरल हो रहे वीडियो की मानें तो वीडियो में दिख रहे शख्स का नाम गंगाधर कयाल है। कयाल संदेशखाली 2 ब्लॉक के मंडल अध्यक्ष हैं। हालांकि, वीडियो सामने आने के बाद स्थानीय बीजेपी ने कहा कि गंगाधर मंडल अध्यक्ष ही नहीं हैं, वह बीजेपी समर्थक हैं। ऐसा भी दावा किया जा रहा है कि उन्हें मानसिक परेशानी भी है। वायरल वीडियो में गंगाधर एक कमरे में कुर्सी पर बैठे नजर आ रहे थे। कोई उनसे सवाल पूछ रहा है और वह जवाब दे रहे हैं।
भाजपा ने स्टिंग वीडियो पर दी सफाई
भाजपा के बशीरहाट संगठनात्मक जिला उपाध्यक्ष विवेक रॉय ने भी दावा किया कि कयाल मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं हैं। उन्होंने कहा, ”इससे पहले भी उनके खिलाफ कई शिकायतें की जा चुकी हैं। कुछ साल पहले एक घटना के बाद तृणमूल के लोगों ने उनकी पिटाई कर दी थी। प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ताओं में से एक तरूणज्योति तिवारी ने सामने आए वीडियो पर सीधे तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की।। हालांकि, उनका बयान है, ”तृणमूल हर चीज में व्यवस्थित कार्यक्रम देखती है। संदेशखाली की महिलाओं ने अदालत में आकर अपने ऊपर हुए अत्याचार की शिकायत की। रेखा पात्रा की शिकायत के आधार पर शिबू सरदार के खिलाफ धारा 164 दी गई है। संदेशखाली की घटना को तृणमूल किसी भी तरह छिपा नहीं सकती।”