डेस्क:महाराष्ट्र में जारी असमंजस पर शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद संजय राउत ने महायुति गठबंधन पर तीखा तंज कसा है। राउत ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार का मजाक उड़ाया है और कहा है कि ये दोनों मोदी-शाह के गुलाम हैं। मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राउत ने कहा कि ये दोनों नेता जब खुद अपनी पार्टी के लिए कोई फैला नहीं ले सकते तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के उम्मीदवार पर फैसला कैसे कर सकते है। दोनों नेता भाजपा के न सिर्फ सहयोगी हैं बल्कि मोदी-शाह के गुलाम हैं। राउत ने कहा, “सीएम का फैसला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे।”
इसके आगे संजय राउत ने कहा, “एकनाथ शिंदे और अजित पवार अपनी पार्टियों के लिए खुद फैसले नहीं ले सकते। ये दोनों पार्टियां अमित शाह और पीएम मोदी की गुलाम हैं और बीजेपी की सहयोगी हैं।” प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने यह भी भविष्यवाणी की कि बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस को सीएम चुना जाएगा। राउत ने कहा, “फिलहाल बीजेपी के पास बहुमत है, बस कुछ सीटों की कमी है, लेकिन मैं मानता हूं कि उनके पास ताकत है, अगर उनके पास बहुमत नहीं है तो वे बहुमत के लिए एकनाथ शिंदे और अजित पवार की पार्टियों को तोड़ सकते हैं। वे इस मामले में विशेषज्ञ हैं, यह महाराष्ट्र में पहले भी देखा जा चुका है।” शिवसेना सांसद ने कहा, “मेरे हिसाब से देवेंद्र फडणवीस अगले सीएम होंगे।”
बता दें कि इससे पहले आज दिन में एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। राज्यपाल ने अगली सरकार बनने तक उन्हें पद पर बने रहने को कहा है। हालांकि, महायुति गठबंधन ने अभी तक महाराष्ट्र के नए सीएम पर कोई फैसला नहीं किया है। इसलिए असमंजस बरकरार है। इस बीच, शिवसेना नेता और निवर्तमान कैबिनेट में राज्य मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लिया गया कोई भी निर्णय उन्हें मान्य होगा।
केसरकर ने उम्मी जताई है कि एकनाथ शिंदे फिर से सरकार का नेतृत्व करेंगे। उन्होंने कहा कि महायुति के नेता आपस में बैठकर चर्चा करेंगे और दिल्ली जाएंगे और फिर कोई निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “सीएम शिंदे ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पीएम मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जो भी निर्णय लेंगे, वह उन्हें स्वीकार्य होगा।” जब उनसे पूछा गया कि क्या कोई पसंदीदा उम्मीदवार है, तो उन्होंने कहा कि अभी तक सीएम पद के लिए कोई स्पष्ट पसंदीदा नहीं है क्योंकि पार्टी के नेता आपस में चर्चा कर रहे हैं।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “तीनों नेता आपस में चर्चा कर रहे हैं, जब वे चर्चा करेंगे तो कोई अच्छा निर्णय लिया जाएगा।” एकनाथ शिंदे ने मंगलवार की सुबह ही अपने समर्थकों से मुंबई या कहीं और जमा नहीं होने की अपील की थी। उन्होंने इस बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किया था, जिसमें लिखा गया है, “मेरे प्रति प्रेम के कारण, कुछ मंडलियों ने सभी से एक साथ इकट्ठा होने और मुंबई आने की अपील की है। मैं आपके प्यार के लिए बहुत आभारी हूं। लेकिन मैं अपील करता हूं कि कोई भी इस तरह से मेरे समर्थन में एक साथ न आए। एक बार फिर मेरा विनम्र अनुरोध है कि शिवसेना कार्यकर्ता वर्षा बंगले (सीएम का आधिकारिक निवास) या कहीं और इकट्ठा न हों।”
बता दें कि हालिया चुनावों में एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना, भाजपा और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के ‘महायुति’ गठबंधन ने महाराष्ट्र विधानसभा की 288 में से 230 सीट जीतकर सत्ता बरकरार रखी, जबकि विपक्षी महाविकास आघाड़ी (एमवीए) को सिर्फ 46 सीट मिलीं। भाजपा द्वारा सबसे अधिक 132 सीट जीतने के बाद फडणवीस के मुख्यमंत्री पद का दावेदार होने की अटकलें लगने लगीं। शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 सीट पर जीत हासिल की है।