डेस्क:22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम क्षेत्र में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई। मारे गए लोगों में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल हैं। यह हमला बैसारन घाटी में उस समय हुआ जब 5-6 आतंकियों ने दोपहर में अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। इस हमले को आतंकी संगठन ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने अंजाम दिया, जो पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है।
UN की अपील: संयम और संवाद
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। डुजारिक ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को अधिकतम संयम बरतना चाहिए और हालात को और बिगड़ने से रोकना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों को आपसी बातचीत के जरिए समाधान निकालना चाहिए।
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) बैठक में कई अहम फैसले लिए गए:
- सिंधु जल संधि निलंबित: भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
- अटारी-वाघा सीमा बंद: भारत ने अटारी-वाघा बॉर्डर पर आवाजाही को पूरी तरह बंद कर दिया है।
- वीजा निलंबन: पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं तत्काल प्रभाव से रोकी गई हैं।
- राजनयिक कटौती: दोनों देशों के उच्चायोगों की टीम घटाकर 30-30 कर दी गई है।
- सीमा पर सख्ती: बीएसएफ ने रिट्रीट समारोहों में हैंडशेक और द्वार खोलने की रस्में रोक दी हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने हमलावरों को “धरती के किसी भी कोने से ढूंढकर सजा देने” की बात कही, जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने “कड़ा जवाब” देने की चेतावनी दी।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान ने भारत के फैसलों को “युद्ध की कार्रवाई” बताया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के कार्यालय ने कहा कि सिंधु जल समझौते के उल्लंघन को “युद्ध” माना जाएगा। पाकिस्तान ने भी वीजा सेवाएं बंद कर दी हैं, भारतीय विमानों के लिए हवाई क्षेत्र सील कर दिया है और सभी व्यापारिक संबंध समाप्त कर दिए हैं। साथ ही 1972 के शिमला समझौते को भी निलंबित कर दिया गया है।
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने इस हमले को “फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन” बताया और कहा कि भारत बिना सबूत के पाकिस्तान को बदनाम कर रहा है, हालांकि उन्होंने हमले की निंदा भी की।
अंतरराष्ट्रीय समर्थन
अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, इजरायल, ईरान समेत कई देशों ने इस आतंकी हमले की निंदा की है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है।” फ्रांस और ब्रिटेन ने भी इस हमले को जघन्य और भयावह करार दिया।
स्थानीय और राजनीतिक प्रतिक्रिया
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमले को “नागरिकों पर सबसे बड़ा हमला” बताया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिका यात्रा बीच में छोड़ दी और भारत लौट आए। पीएम मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी अपनी विदेश यात्राएं छोटा कर दी हैं।
देश के प्रमुख मुस्लिम संगठनों जैसे दारुल उलूम देवबंद और टीले वाली मस्जिद के इमाम ने भी हमले की कड़ी निंदा की। मुफ्ति अबुल कासिम नोमानी ने कहा, “निर्दोषों की हत्या इस्लाम के खिलाफ है।”
सुरक्षा और जांच
CRPF और NIA ने जांच शुरू कर दी है। बैसारन घाटी को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है और सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। भारत-पाक सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।