नई दिल्ली:देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़़ ने सोमवार को कहा कि गणपति पूजा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उनके घर आने में कुछ भी गलत नहीं था और ऐसे मुद्दों पर “राजनीतिक हल्कों में परिपक्वता की भावना” की जरूरत है। चंद्रचूड़ ने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ समूह के एक कार्यक्रम में कहा, “प्रधानमंत्री गणपति पूजा के लिए मेरे घर आए। इसमें कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि सामाजिक स्तर पर न्यायपालिका और कार्यपालिका से जुड़े व्यक्तियों के बीच निरंतर बैठकें होती हैं। हम राष्ट्रपति भवन में, गणतंत्र दिवस आदि पर मिलते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री और मंत्रियों से बात करते हैं। बातचीत के दौरान उन मामलों पर बात नहीं होती, जिनपर हमें फैसला लेना होता है बल्कि सामान्य रूप से जीवन और समाज से जुड़े मामलों पर बात होती है।” सीजेआई ने कहा कि इस बात का सम्मान किया जाना चाहिए था कि एक मजबूत अंतर-संस्थागत तंत्र के तहत बातचीत हुई।
उन्होंने कहा कि न्यायपालिका व कार्यपालिका के बीच शक्तियों के वर्गीकरण का मतलब यह नहीं है कि दोनों की मुलाकात नहीं होनी चाहिए। सीजेआई ने कहा था कि उन्होंने अयोध्या राम मंदिर विवाद के समाधान के लिए भगवान से प्रार्थना की थी। इस बयान के बारे में पूछे जाने पर चंद्रचूड़ ने कहा कि वह एक “आस्थावान व्यक्ति” हैं और सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान करते हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ ने रिटायरमेंट से पहले ऐसी टिप्पणी की है।
बता दें कि गणपति पूजा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीजेआई के सरकारी आवास पर गए थे, जहां दोनों ने मिलकर गणेश पूजा की थी। एक्स पर पोस्ट किए गए वीडियो में सीजेआई और उनकी पत्नी कल्पना दास को पीएम मोदी का अपने घर पर स्वागत करते हुए देखा गया था। उस वीडियो को ऑनलाइन काफी पसंद किया गया थी। हालांकि, कई यूजर्स ने इस पर गहरी चिंता जताई थी कि सीजेआई के घर पर प्रधानमंत्री के जाने के पीछे कोई छिपी मंशा हो सकती थी। कई नेताओं ने भी इस पर सवाल उठाए थे और कहा था कि इससे न्यायपालिका की निष्पक्षता पर सवाल खड़े होते हैं। दोनों की मुलाकात पर विवाद उठ खड़ा हुआ था। जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। उनके बाद जस्टिस संजीव खन्ना देश के नए मुख्य न्यायाधीश बनेंगे। वह 11 नवंबर को शपथ लेंगे।