भोपाल:मध्य प्रदेश निकाय चुनाव में इस बार भारतीय जनता पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ है। पिछली बार सभी 16 नगर निगमों पर बीजेपी का कब्जा था। लेकिन इस बार 7 नगर निगम सीट भाजपा के हाथ से निकल गई। कांग्रेस पार्टी को 5 सीटों का फायदा हुआ है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का क्षेत्र माने जाने वाले ग्वालियर में भी भाजपा को नुकसान हुआ है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के क्षेत्र मुरैना में भी पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा है।
अब निश्चित तौर पर भाजपा इस चुनाव में हुए नुकसान को लेकर मंथन करेगी। इस बीच पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का एक बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अधिकारियों पर ज्यादा भरोसा करते हैं, ऐसा उनका स्वभाव रहा है।
एक साक्षात्कार में कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ‘इस बार मतदाता सूची जो बनी है वह हमारे लिए अलार्मिंग है। इसमें प्रशासन की भूमिका कितनी है..चुनाव आयोग की भूमिका कितनी है…मुख्यमंत्री को उसको गंभीरता से लेना चाहिए था।
उनका स्वभाव ऐसा है कि वो अधिकारियों पर ज्यादा विश्वास करते हैं। कार्यकर्ताओं पर भी उनको विश्वास उतना ही करना चाहिए। यदि कार्यकर्ताओं पर विश्वास करेंगे तो शायद यह गलती नहीं होती। इसमें चूक कहां हुई है यह हम जरूर देखेंगे। क्योंकि इसमें कही ना कही चुनाव आय़ोग अधिकारी जिम्मेदार हैं।’
बता दें कि नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण की मतगणना बीते रविवार को हुई थी। इसमें भाजपा ने सात सीट पर विजय हासिल की थी जबकि कांग्रेस ने तीन और आम आदमी पार्टी (आप) ने सिंगरौली की एक सीट पर जीत दर्ज की थी।
मध्य प्रदेश में ‘आप’ की यह पहली जीत थी। नगरीय निकाय के दोनों चरणों के चुनाव परिणामों के बाद कुल 16 नगर निगम के महापौर में से भाजपा ने नौ शहरों भोपाल, इंदौर, बुरहानपुर, खंडवा, सतना, सागर, उज्जैन, देवास और रतलाम के महापौर का चुनाव जीता है।