भोपाल:शिवराज सिंह चौहान अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री नहीं रहे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद मोहन यादव को नया सीएम बनाया है। 11 दिसंबर को ‘मामा’ का साढ़े सोलह साल का ‘राज’ खत्म हो गया। जब नए सीएम के नाम का ऐलान हुआ तो कई भावुक तस्वीरें भी सामने आईं। एक वीडियो में दो महिलाएं शिवराज को गले लगाकर रो रही थीं। वो बार-बार कह रही थीं कि ‘भैया हमलोगों ने आपको वोट दिया था।’ लेकिन शिवराज ने खुद को भाजपा का कार्यकर्ता बताया और ‘मिशन-29’ में जुट गए हैं। ऐसे में अब शिवराज ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपना बायो बदल दिया है। ‘मामा’ के नए बायो के अब कई मायने निकाले जा रहे हैं।
शिवराज ने बदला बायो
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मध्य प्रदेश में भाजपा की शानदार जीत के पीछे शिवराज की योजनाओं की अहम भूमिका है। खास तौर पर ‘लाडली बहना योजना’ से भाजपा महिला वोटरों को साधने में कामयाब रही। एमपी के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को ‘मामा’ कहकर बुलाया जाता है। चुनाव से कुछ दिनों पहले शिवराज ने एक बार मंच से कहा था कि ‘मैं जब चला जाऊंगा, तब बहुत याद आऊंगा…’ ऐसे में शिवराज अब केवल बुधनी सीट से विधायक हैं। सीएम की कुर्सी जाने के बाद शिवराज ने अपने ‘एक्स’ बाये में ‘मामा और भाई… मध्य प्रदेश का पूर्व मुख्यमंत्री’ लिखा है।
‘मामा’ के बायो के मायने
शिवराज सिंह चौहान ने अपने बायो में पूर्व मुख्यमंत्री लिखने से पहले खुद को मामा और भाई बताया है। ऐसा माना जा रहा है कि इससे वो एक बड़ा मैसेज देना चाहते हैं। शिवराज यह बताना चाहते हैं कि उनके लिए मुख्यमंत्री पद से ज्यादा महत्वपूर्ण मामा और भाई होना है। यह भी माना जा रहा है कि वो खुद को पूर्व मुख्यमंत्री कहे जाने से पहले मामा कहना ज्यादा पसंद करेंगे।
मिशन-29 का आगाज
विधानसभा चुनाव में जीत के बाद से ही शिवराज ऐक्शन मोड में हैं। सीएम पद को लेकर भी जब उनसे सवाल पूछा जा रहा था तब वो इसमें कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे। बीते दिनों छिंदवाड़ा में शिवराज ने ‘मिशन-29’ का आगाज किया। उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में सभी 29 सीटों पर भाजपा की जीत होने वाली है।