वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर इस बार शुक्रवार, 25 अप्रैल 2025 को शुक्र प्रदोष व्रत रखा जाएगा। यह दिन शिव भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। प्रदोष व्रत में भगवान शिव की आराधना करने से सभी पाप नष्ट होते हैं और जीवन में सुख, शांति व समृद्धि का आगमन होता है।
प्रदोष व्रत की पूजा विशेष रूप से संध्या काल में की जाती है, जो शिव जी को अत्यंत प्रिय है। इस शुभ अवसर पर यदि जातक अपनी राशि के अनुसार कुछ विशेष उपाय करें, तो भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है और मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती हैं।
पूजा मुहूर्त:
- संध्या पूजा का समय: शाम 6:53 बजे से रात 9:03 बजे तक
- अवधि: 2 घंटे 10 मिनट
राशि अनुसार करें ये विशेष उपाय:
मेष राशि:
शिवलिंग का गाय के कच्चे दूध और घी से अभिषेक करें। इससे कार्यों में सफलता मिलेगी।
वृषभ राशि:
भगवान शिव को सफेद फूल अर्पित करें। इससे पारिवारिक सुख-संपत्ति में वृद्धि होगी।
मिथुन राशि:
शिव जी की कृपा पाने के लिए बेलपत्र अर्पित करें। इससे मानसिक शांति प्राप्त होगी।
कर्क राशि:
भोलेनाथ को कनेर के फूल चढ़ाएं। इससे शत्रुओं पर विजय और मान-सम्मान में वृद्धि होगी।
सिंह राशि:
भांग का भोग भगवान शिव को अर्पित करें। इससे स्वास्थ्य लाभ मिलेगा और आत्मबल बढ़ेगा।
कन्या राशि:
धतूरा चढ़ाकर भगवान शिव को प्रसन्न करें। इससे रुके हुए कार्य बनने लगेंगे।
तुला राशि:
पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें। इससे दांपत्य जीवन में मधुरता आएगी।
वृश्चिक राशि:
भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करें और शिव चालीसा का पाठ करें। इससे नकारात्मकता दूर होगी।
धनु राशि:
108 बार “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें। इससे भाग्य का द्वार खुलेगा।
मकर राशि:
शिव चालीसा का पाठ करें और शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव को कम करने के लिए भगवान शिव का ध्यान करें।
कुंभ राशि:
काला तिल शिवलिंग पर चढ़ाएं और गंगाजल से अभिषेक करें। इससे दुर्भाग्य दूर होगा।
मीन राशि:
कच्चे दूध से अभिषेक करें, जिससे शनि के अशुभ प्रभाव कम होंगे और सौभाग्य बढ़ेगा।
निष्कर्ष:शुक्र प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की पूजा और राशि अनुसार उपाय करने से शिव कृपा सहज प्राप्त होती है। इस दिन पूरे श्रद्धा और विश्वास से भगवान शिव की आराधना करें और अपने जीवन को शुभता से भरें।