भोपाल:मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के एक निजी स्कूल की बालिका के साथ हुए कथित दुष्कर्म को विश्वास को हिला देने वाली घटना बताते हुए कहा कि माता-पिता अपने बच्चों को भरोसे पर स्कूल भेजते हैं, यह भरोसा बनाए रखना स्कूल प्रबंधन का दायित्व है।
उन्होंने अधिकारियों को दोषी बस ड्राइवर और आया के खिलाफ कार्रवाई के साथ स्कूल प्रबंधन के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। चौहान ने बृहस्पतिवार सुबह को अपने सरकारी आवास पर बुलाई गई आपात बैठक में अधिकारियों से कहा, ” माता-पिता अपने बच्चे को स्कूल में विश्वास के साथ भेजते हैं और उस विश्वास को बनाए रखना स्कूल प्रबंधन का कर्तव्य है। बस चालक और महिला परिचारिका के खिलाफ और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।”
मुख्यमंत्री ने कहा , ” स्कूल बसों में चलने वाले स्टाफ का सत्यापन स्कूल प्रबंधन की जवाबदारी है। बच्चों को हम दरिंदों के हवाले नहीं छोड़ सकते। बस में सीसीटीवी कैमरे काम क्यों नहीं कर रहे थे, यह स्कूल प्रबंधन को देखना चाहिए था।” चौहान ने कहा कि समाज में यह संदेश नहीं जाए कि प्रभावशाली व्यक्तियों पर कार्रवाई नहीं होगी। उनका कहना था कि निश्चित समय में कड़ी कार्रवाई की जाए, जिससे प्रबंधन अपनी जवाबदारी और दायित्व समझे।
उन्होंने कहा कि भोपाल के सभी स्कूलों के चालकों तथा बसों में चलने वाले कर्मियों का परीक्षण हो तथा आपराधिक रिकॉर्ड और चारित्रिक रूप से दोषी व्यक्तियों को न रखा जाए। उनका कहना था कि स्टाफ के प्रशिक्षण और कानूनी प्रावधानों के संबंध में कार्यशाला आयोजित की जाए तथा बच्चों और पालकों को पॉक्सो एक्ट के प्रावधानों के संबंध में जागरूक किया जाए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव (एसीएस) गृह डॉ राजेश राजोरा, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि अरुण शमी, भोपाल पुलिस आयुक्त मकरंद देवस्कर, संभागीय आयुक्त गुलशन बमरा, कलेक्टर अविनाश लवानिया सहित वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इस बीच, चौहान के निर्देश पर पुलिस आयुक्त द्वारा एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।